नई दिल्ली। लोकसभा ने गुरुवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 को पारित कर दिया। यह तेलंगाना में प्रस्तावित सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाये गये सवालों का जवाब दिया।
मंत्री ने कहा कि तेलंगाना में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना आने वाले वर्षों के लिए क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करेगी। इससे उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में वृद्धि होगी और राज्य के लोगों के लिए उच्च शिक्षा और अनुसंधान सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह भारत की जनजातीय आबादी को जनजातीय कला, संस्कृति और रीति-रिवाजों और प्रौद्योगिकी में उन्नति में निदेर्शात्मक और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करके उन्नत ज्ञान को भी बढ़ावा देगा।
जनजातीय शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय किसी भी अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय की तरह सभी शैक्षणिक और अन्य गतिविधियां संचालित करेगा। आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत तेलंगाना राज्य में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय भी अनिवार्य है। इसके बाद सदन ने विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए कुछ संशोधनों को खारिज करते हुए विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया। विश्वविद्यालय की स्थापना आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में की गई प्रतिबद्धताओं के अनुसरण में की जा रही है। इसे तेलंगाना के मुलुगु जिले में स्थापित किया जाएगा। केंद्र ने विश्वविद्यालय के लिए 889.7 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।