नई दिल्ली। ब्रिटिश यात्रा पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लंदन में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात की। गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि हम इंग्लैंड-भारत संबंधों के रक्षा और सुरक्षा स्तंभ को मजबूत बनाने के इच्छुक हैं। इंग्लैंड और समान विचारधारा वाले अन्य देशों को शांतिपूर्ण और स्थायी वैश्विक नियम-आधारित व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि मैत्रीपूर्ण सहयोग से अधिक मजबूत, सुदृढ़ करने के साथ-साथ गति प्रदान की जा सके। राजनाथ सिंह ने बैठक के दौरान इंग्लैंड के प्रधानमंत्री को राम दरबार की मूर्ति उपहार में दी।
लंदन के 10 डाउनिंग स्ट्रीट में हुई इस मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दोनों देशों के नेताओं के नेतृत्व में दोनों ही देशों ने ऐतिहासिक संबंधों को आधुनिक, बहुआयामी और परस्पर लाभकारी साझेदारी में ढालने और उन्हें फिर से तैयार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राजनाथ सिंह ने संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, बढ़ी हुई अंतरसंचालनीयता, विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में परस्पर सैन्य संबंधों सहित द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में हाल में हुई वृद्धि का स्मरण किया। उन्होंने प्रौद्योगिकी क्षेत्र सहित रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने में हो रहे मौजूदा प्रयासों पर जोर दिया। रक्षा मंत्री ने ऋषि सुनक को इंग्लैंड के रक्षा उद्योग के साथ हुई अपनी सकारात्मक बातचीत और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में नई सकारात्मक ऊर्जा के बारे में भी जानकारी दी।
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21वीं सदी के मध्य तक एक विकसित देश बनने के राष्ट्रीय उद्देश्य की दिशा में 1.4 बिलियन भारतीयों के लक्ष्य का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं, विकास में लगातार वृद्धि हो रही है, गरीबी में लगातार काफी कमी आई है और व्यापार अनुकूल ढांचा स्थापित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार इंग्लैंड जैसे दोस्तों को नियम आधारित विश्व व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए साझेदारी करने के लिए तैयार है। बैठक में इंग्लैंड के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सर टिम बैरो भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री सुनक ने व्यापार, रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इंग्लैंड और भारत के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर रक्षा मंत्री से सहमति जताई। उन्होंने उम्मीद जताई कि मौजूदा मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वातार्ओं को जल्द ही एक सफल निष्कर्ष पर लाया जा सकता है। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के रक्षा और सुरक्षा स्तंभ को मजबूत करने के लिए अपनी और अपनी सरकार की उत्सुकता पर भी जोर दिया, जिसमें भारतीय समकक्ष संस्थाओं के साथ मजबूत व्यापार और प्रौद्योगिकी भागीदारी के लिए सरकार का समर्थन भी शामिल है। रक्षा मंत्री ने विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में ब्रिटेन के विदेश मंत्री लॉर्ड डेविड कैमरन के साथ भी मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने भारत-इंग्लैंड भागीदारी को सराहा, जो विभिन्न स्तरों पर व्यापक जुड़ाव का प्रतीक है।
विदेश सचिव कैमरन ने रक्षा क्षेत्रों विशेष रूप से रक्षा औद्योगिक सहयोग के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग करने की इंग्लैंड सरकार की इच्छा को दोहराया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिये इंग्लैंड नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए समर्थन को मजबूत बनाने की उम्मीद है। इसके बाद रक्षा मंत्री ने इंडिया हाउस, लंदन में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की। इस बातचीत में भारतीय मूल के 160 से अधिक प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। द्वितीय विश्व युद्ध के दिग्गजों के कुछ परिवार के लोग सहित कई पूर्व भारतीय सैनिक इस अवसर पर उपस्थित थे। राजनाथ सिंह ने चीन के रवैये में आए बदलाव का कारण भारत के रणनीतिक शक्ति के रूप में उभरने को बताया।