नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया गोला-बारूद, टॉरपीडो और मिसाइल से लैस पांचवां बार्ज बुधवार को लॉन्च कर दिया गया। स्वदेशी उपकरणों और प्रणालियों के साथ तैयार किया गया यह बार्ज (छोटा पोत) रक्षा मंत्रालय की मेक इन इंडिया पहल का गौरवशाली युद्ध सहायक पोत है। नौसेना के लिए इस तरह के 11 पोत बनाए जा रहे हैं, जिसमें से तीसरा पोत भारतीय नौसेना को पिछले साल सौंपा गया था।
भारतीय नौसेना के लिए मुंबई के ठाणे में शिपयार्ड सूर्य दिप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एसपीपीएल) में 11 एसीटीसीएम बार्ज बनाए जा रहे हैं। यह भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप एक एमएसएमई कंपनी है। इस प्रोजेक्ट का तीसरा गोला-बारूद सह टॉरपीडो सह मिसाइल बार्ज (यार्ड 127) पिछले साल 30 नवंबर को भारतीय नौसेना को सौंपा गया था।
स्वदेशी निमार्ताओं से हासिल किये गए सभी प्रमुख और सहायक उपकरण, प्रणालियों के साथ यह बार्ज (छोटे पोत) रक्षा मंत्रालय की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत युद्ध सहायक पोत है। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम के नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला में किया गया था।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नौसेना के नियमों और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के विनियमन के तहत यह बार्ज स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए गए हैं। इसी प्रोजेक्ट का 5वां बार्ज ‘एम्युनिशन कम टॉरपीडो कम मिसाइल बार्ज (यार्ड 129) आज मुंबई में लॉन्च किया गया। इस शिपयार्ड ने पहले ही दो बार्ज की सफलतापूर्वक आपूर्ति की है। लॉन्चिंग समारोह की अध्यक्षता कमोडोर वी प्रवीण ने की।
रक्षा मंत्रालय ने एसपीपीएल के साथ 11 एसीटीसीएम बार्ज का निर्माण करने के लिए 05 मार्च, 2021 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। एसीटीसीएम बार्ज की उपलब्धता भारतीय नौसेना के पोतों पर घाटों और बाहरी पत्तनों पर सामान, गोला-बारूद को चढ़ाने और उतारने की सुविधा प्रदान करके आईएन की परिचालन प्रतिबद्धताओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगी।