रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और सतत कार्य करने से सफलता मिलती है। लक्ष्य निर्धारित करें और विनम्र होकर कार्य को पूर्ण करने के लिए अनुकूल कार्य संस्कृति का वातावरण तैयार करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में दीक्षांत समारोह का एक विशेष महत्व है। क्योंकि, यह न केवल एक शैक्षिक कार्यक्रम का समापन है, बल्कि उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरूआत भी है, जो अवसरों और जिम्मेदारियों से भरा है।
राज्यपाल गुरुवार को रांची के सरला बिरला विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जिस प्रकार कठिन परिश्रम कर वे शिक्षा ग्रहण किए हैं, उसी प्रकार भविष्य में भी वे चुनौतियों का कुशलतापूर्वक सामना कर सफलता प्राप्त करें। राज्यपाल ने कहा कि सफलता प्राप्त करने का कोई शॉर्ट-कट रास्ता नहीं होता है। विश्व में जीतने भी महान विभूति हुए हैं वे कठिन परिश्रम एवं संघर्ष किए हैं।
उन्होंने कहा कि उत्साह एवं उमंग के साथ अपने कार्यों को संपादित करें, सफलता अवश्य मिलेगी। शिक्षा के पश्चात भावी जीवन में सफलता प्राप्त करना सुगम हो, इसके लिए नई शिक्षा नीति लागू की गयी है। इस शिक्षा नीति में न सिर्फ अकादमिक उत्कृष्टता पर, बल्कि व्यक्ति के समग्र विकास, सोच, रचनात्मकता एवं नैतिक मूल्यों पर भी बल दिया गया है।
राज्यपाल ने सफल विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस दौरान सरला बिरला विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल को इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन नायर विकास भारती बिशुनपुर के सचिव पद्मश्री अशोक भगत को मानद उपाधि प्रदान किया गया।