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Tuesday, October 29, 2024
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    रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में ईडी की रेड, जमीन घोटाले मामले में बड़ी कार्रवाई

    रांची। रांची के बहुचर्चित जमीन घोटाले के साक्ष्यों को नष्ट करने और गवाहों को प्रभावित करने के इनपुट के आधार पर ईडी ने शुक्रवार को रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में छापेमारी की। जेल में भूमि घोटाले के आरोपी कारोबारी अमित अग्रवाल, पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश, सस्पेंडेड आईएएस छवि रंजन सहित एक दर्जन से ज्यादा आरोपी बंद हैं।

    बताया जा रहा है कि ईडी को सूचना मिली थी कि अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश जेल में रहते हुए बाहर के लोगों से संपर्क में है। इसी के आधार पर एजेंसी की एक टीम शुक्रवार को केंद्रीय कारा पहुंची। सूचना है कि टीम जेल का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। एक साल के भीतर इस जेल में ईडी ने चौथी बार छापेमारी की है।

    सनद रहे कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों की मदद करने और जेल में उन्हें अनुचित सुविधाएं-सेवाएं उपलब्ध कराने के मामले में ईडी रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर से बीते जून महीने में पूछताछ कर चुकी है। जेल प्रशासन पर जेल मैनुअल का उल्लंघन कर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कैदी निलंबित आईएएस छवि रंजन और एक अन्य आरोपी प्रेम प्रकाश की मीटिंग अरेंज कराने का आरोप लगा था।

    जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आईएएस छवि रंजन बीते 5 मई को जेल भेजे गए थे। उसी दिन उन्होंने वीआईपी सेल में पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश के साथ मीटिंग की थी। ईडी ने दोनों की मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज जब्त किया था। इसके पहले बीते साल दिसंबर महीने में भी ईडी ने एक हजार करोड़ की मनी लांड्रिंग के किंगपिन पंकज मिश्र की मदद करने के मामले में भी जेल सुपरिंटेंडेंट से पूछताछ की थी।

    जेल में बंद रहते हुए भी पंकज मिश्र ने 300 से ज्यादा फोन कॉल्स किए। उसे जेल के बंदी के तौर पर इलाज के लिए जब रिम्स भेजा गया, तो उसने जेल मैनुअल की धज्जियां उड़ाकर कई अफसरों और नेताओं को लगातार फोन कॉल्स किए। इतना ही नहीं, उसने कई अनुचित सुविधाओं का भी लाभ उठाया। ईडी पूर्व में अदालत में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन में भी कह चुकी है कि जेल के भीतर आईएएस पूजा सिंघल और छवि रंजन के अलावा कारोबारी प्रेम प्रकाश, सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि रहे पंकज मिश्र, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को अनुचित मदद की गई है।

    धनशोधन मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत के तहत जेल में रखा गया है। सूत्रों ने कहा कि कुछ गिरफ्तार स्थानीय बाहुबलियों द्वारा गवाहों को प्रभावित करने, ईडी अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने और सबूतों से छेड़छाड़ करने या नष्ट करने की साजिश रचे जाने की जानकारी मिलने के बाद एजेंसी के अधिकारियों ने जेल के कर्मचारियों के साथ छापेमारी शुरू की।

    एजेंसी ने इस मामले में लगभग 14-15 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2011-बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो पहले राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे।

    जांच ईडी के इस आरोप से संबंधित है कि झारखंड में माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने का एक बड़ा रैकेट चल रहा था।

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