पटना। खबर बिहार की राजधानी पटना से है। शुक्रवार को जैसे ही पटना विधानसभा खुली, हंगामा शुरू हो गया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और भाजपा नेता विधानसभा के सामने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन करने लगे। ये लोग नीतीश को पद से इस्तीफा देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
यहां बताते चलें कि, दो दिन पहले सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा को संबोधित करते हुए महिलाओं को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी। इसके बाद देश की राजनीति गरमा गई थी और उनके बयान का कई नेताओं और हस्तियों ने कड़ी आलोचना की।
हालांकि उन्होंने उसके अगले दिन सदन में माफी मांगी थी। इस मामले में विपक्षी पार्टियां लगातार नीतीश पर हमला बोल रही हैं। इसी कड़ी में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और भाजपा नेता इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, बिहार विधानसभा में गुरुवार को जातिगत आरक्षण को 65 प्रतिशत तक बढ़ाने का विधेयक पास होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने एनडीए विधायकों को ‘लड्डू’ खिलाई थी। लेकिन एनडीए विधायकों ने पटना में विरोध प्रदर्शन के दौरान जमकर मिठाइयां फेंकीं।
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान अपना आपा खो दिए और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर जमकर हमला बोला था।
यहां यह भी बता दें कि, मांझी जब बिल पर अपनी बात रख रहे थे, तो नीतीश अपनी कुर्सी से खड़े हो गए। उन्होंने तू-तड़ाक करते हुए कहा कि मांझी को मुख्यमंत्री बनाना उनकी मूर्खता थी। इसके बाद मांझी ने आरोप लगाए कि वे दलित हैं, इसलिए नीतीश कुमार ने उनका अपमान किया। बीजेपी ने भी इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है।
इसके बाद जीतनराम मांझी ने पलटवार करते हुए कहा, “नीतीश कुमार अगर आपको लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया, यह आपकी भूल है। जब जदयू विधायकों ने लतियाना शुरू किया, तो उसके डर से आप कुर्सी छोडकर भाग गए थे।
अपनी नामर्दी छुपाने के लिए एक दलित पर ही वार कर सकते हैं। औकात है, तो ललन सिंह के खिलाफ बोलकर दिखाईए जो आपका ऑपरेशन कर रहे थे।”