रांची। झारखंड शराब घोटाले मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई। ईडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी को गुरुवार की देर शाम अरेस्ट किया। ईडी ने 23 अगस्त को 34 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। उन ठिकानों में योगेंद्र तिवारी के देवघर स्थित होटल सिद्धार्थ के सामने स्थित गोदाम, बोम्पास टाउन स्थित डॉ. राजीव पांडेय अस्पताल के पास स्थित आवास, हरमू हाउसिंग कॉलोनी के डी-2 स्थित मेसर्स संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड और जामताड़ा के दो ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
शराब घोटाला मामले में योगेंद्र तिवारी 26 अगस्त की दोपहर ईडी के रांची जोनल आॅफिस पहुंचे थे। ईडी के अधिकारियों ने घंटों योगेंद्र तिवारी से पूछताछ की थी। इसके बाद ईडी ने बीते 11 सितंबर को शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी से दिनभर पूछताछ की थी। ईडी को छानबीन में यह जानकारी मिली है कि जेल में बंद प्रेम प्रकाश व योगेंद्र तिवारी के बीच पुरानी शराब नीति के तहत शराब की बिक्री के दौरान रुपयों का लेन-देन हुआ था. प्रेम प्रकाश पहले 1000 करोड़ के अवैध खनन और उसके बाद जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार हैं।
क्या है शराब घोटाला का मामला
छ्त्तीसगढ़ शराब कंसलटेंट, सप्लायर्स और झारखंड के उत्पाद विभाग ने 450 करोड़ की राजस्व हानि करायी थी। झारखंड में नयी शराब नीति के सलाहकार अरुणपति त्रिपाठी छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का सरगना बताये जाते हैं। उस पर आरोप है कि वह केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के बिना ही झारखंड में सलाहकार बने थे।
नियमानुसार झारखंड में सलाहकार बनने के लिए त्रिपाठी अपने मूल विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना आवश्यक था. उन पर छत्तीसगढ़ में कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें एक फर्जी कंपनी बनाकर छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का आरोप भी है. जिन तीन कंपनियों के नाम शराब घोटाला केस (छत्तीसगढ़) में सामने आ रहे हैं, झारखंड की शराब नीति में उनका सीधा हस्तक्षेप बताया जाता है।