गोपाल सोनी
रांची: बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई
इक शख़्स सारे समाज को वीरान कर गया
समय जिंदगी का कम होगा कहा पता था,
विदाय आपकी अनपेक्षित होगी वो कहा पता था,
हर जगह खुशबू फैलाकर, स्मृति सबके दिलमें रख गए,
ईश्वर आपकी दिव्य आत्मा को शांति प्रदान करे.
अपने स्वर्णकार समाज के आधार स्तंभ और हमेशा जरूरतमंदों की सेवा को तत्पर रहने वाले रांची निवासी कपिल देव ठाकुर जी का असमय देहावसान हमारे लिए एक ऐसी क्षति है जिसे पूरा करना असंभव सा है। समझ में नहीं आ रहा है कि अपने कपिल देव बाबू को किन किन रूपों में याद करूं , कैसे याद करूं?
स्वर्णकार समाज की एकजुटता की भावना से कपिल देव बाबू से 2016 में पहली बार सोनार समाज के समग्र विकास, आपसी एकजुटता और राजनीति में भागीदारी बढ़ाने को लेकर विचार विमर्श हुआ था।
कपिल देव बाबू ने इस पहल का तहे दिल से स्वागत व समर्थन किया था और इसे मुकाम तक पहुंचाने में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया था । कमाल देखिए कि कुछ ही दिनों बाद कपिलदेव बाबू आयोजक बने और उनके डोरंडा स्थित गेस्ट हाउस में स्वर्णकार समाज की अग्रिम पंक्ति में रहने वाले लोगों की महा जुटान हुई जिसमें वर्तमान परिस्थिति में सोनार समाज के सामने आने वाली समस्याओं और चुनौतियों पर विचार विमर्श करते हुए झारखंड स्तर पर एक व्यापक अभियान चलाने का फैसला हुआ।
बात आगे बढ़ी। कई जिलों में पहल शुरू हुई। सरकार समाज के लोगों में एकजुटता की भावना प्रबल हुई और धीरे-धीरे हर कोई इस विचार से सहमत होता चला गया की एकजुटता से ही समाज का भला होगा और सियासी मुकाम नहीं हासिल किया जा सकेगा।
कपिल देव बाबू के प्रयास से हम आगे बढ़ रहे थे तभी कोरोना महामारी आ गई। स्वाभाविक रूप से हमारी पहल को भी ब्रेक लगा। लेकिन जब कोरोना के खौफ से हम बाहर निकले तो कपिल देव बाबू को यह प्रस्ताव बहुत अच्छा लगा अब अपने समाज के विकास के लिए अपना मीडिया हो और कोरोना काल में हुई डिजिटल क्रांति का लाभ स्वर्णकार समाज को भी दिलाया जाए।
इसीलिए कपिल देव बाबू ने स्वर्णकार समाज को अपना मीडिया देने के लिए सोनार संसार डॉट इन नामक ऑनलाइन पत्रिका का शुभारंभ कराया।
बहुत ही कम समय में सोनार संसार डॉट इन ने अपनी खास पहचान बना ली हालांकि इसी क्रम में कपिल बाबू कुछ शारीरिक चुनौतियों का भी सामना करने लगे। लिहाजा समाज विकास से जुड़ी गतिविधियां थोड़ा प्रभावित हुई लेकिन उनके मन में लक्ष्य को लेकर स्पष्ट नजरिया थी। वे चाहते थे कि 2024 आते-आते अपना स्वर्णकार समाज इतना जागरूक हो जाए कि सियासत में दखल को लेकर राजनीतिक पार्टियों तक अपनी मांग या आवाज को इतनी दमदार तरीके से पहुंचा सकें जिसे अनसुना करने की स्थिति में कोई दल ना रहे।
कपिल देव बाबू के व्यक्तित्व की यह खास विशेषता थी कि वे निष्काम कर्म योगी की तरह समाज के विकास में लगे रहते थे। वे बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनका प्रचार-प्रसार हो। वे नींव के पत्थर की भूमिका निभाने में विश्वास करते थे और ऐसा ही करते भी थे।
कपिल देव बाबू समाज का नेता नहीं बनना चाहते थे। दूसरों को नेता बनाने में विश्वास करते थे और ऐसा करने में तन मन धन से सहयोग भी करते थे। हम नाम लेना नहीं चाहेंगे लेकिन इतना जरूर गौरव से बताना चाहेंगे कि आज स्वर्णकार समाज में कई ऐसी हस्तियां हैं जिन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में कपिल देव बाबू का अप्रतिम योगदान रहा है।
कपिल देव बाबू को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके बताए रास्ते पर आगे बढ़ते रहें और उनके तमाम सपनों को सरकार करने के लिए अपने अस्तर से जो कुछ संभव हो सके उसे पूरा करें हमें पूरा विश्वास है कि सोनार संसार डॉट इन एक सशक्त मीडिया के रूप में कपिल देव बाबू के सपनों के अनुरूप समाज में पुनर्जागरण कराने में अहम भूमिका निभाएगा।
इन्हीं शब्दों के साथ कपिल देव ठाकुर जी की आत्मा को कोटि-कोटि नमन करते हुए हम अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और अंत में यही कहना चाहते हैं कि
एक व्यक्ति जो इस धरती से विदा लेता है,
वह वास्तव में कभी नहीं छोड़ता है,
क्योंकि वे अभी भी हमारे दिल में जीवित हैं,
हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे
समाज के लिए पथ प्रदर्शक बने रहेंगे।