कपिल देव ठाकुर
कोरोना काल से पहले धर्मराज प्रसाद वर्मा जी से मुलाकात हुई थी पहली नजर में ही पता चल गया की परमार्थ सेवा ही इनके जीवन की पहली प्राथमिकता बन गई है. समाज संगठन और जरूरतमंदों मदद करने के तरीके पर विस्तार के साथ हुई. इन्हीं की तरह जमशेदपुर में रहते हुए स्वर्णकार समाज के सर्वांगीण विकास के लिए सक्रिय धर्मेंद्र कुमार जी भी बातचीत में शामिल थे. उन्हीं के सौजन्य से धर्मराज बाबू के साथ हमारी मुलाकात हुई थी.
हाल ही में धर्मराज बाबू राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते मानव सेवा की पूजा कर रहे धर्मराज प्रसाद वर्मा, जानिए इनकी सेवा के विविध आयामल अवार्ड से सम्मानित किया है. गाजियाबाद में आयोजित एक भव्य समारोह में में इन्हें यह अवार्ड प्रदान किया गया.
धर्मराज बाबू पटना में रहते हैं कारोबार में भी सक्रिय हैं. पारिवारिक व सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए कारोबार जरूरी भी है. लेकिन ये ज्यादा समय राष्ट्रवादी कार्यों और सामाजिक गतिविधियों को देते हैं. इनकी सेवा का आयाम बहुत व्यापक है अपने समाज से जुड़े हर आदमी को इनकी सक्रियता से कुछ सीखना चाहिए प्रेरणा लेनी चाहिए और ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए कि उस आदमी को भी उसके उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया जाए. मान बढ़ाया जाए.
समाजसेवी धर्मराज प्रसाद वर्मा सामाजिक गतिविधियों के बारे में जो जानकारी हमें प्राप्त हुई है उसे संक्षिप्त में आप सभी के सामने प्रस्तुत कर रहे ताकि हर किसी को इस बारे में पूरी जानकारी रहे और समाज में यह प्रेरक शक्ति के रूप में भूमिका निभा सके.
धर्मराज प्रसाद वर्मा के कुछ सामाजिक कार्य
“नि: शुल्क सामूहिक विवाह ” का कार्यक्रम जिसमें 51 जोड़ा गरीब परिवार का दहेज रहित कार्यक्रम श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल, पटना में सम्पन्न कराया गया.
” शिल्पकार्ड (Artisan Card)”, जो वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्गत, आभूषण शिल्पी के लिए प्रत्येक जिला में कैप लगवाकर कर शिल्प कार्ड बनवाना तथा उसका वितरण कराना।
शिल्पियों को स्वरोजगार तथा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में पहल कराना।
“स्वर्णकार धर्मशाला ” आरा में दो वर्षों के अन्दर तीन मंजिला भवन का निर्माण कराना तथा उसको संचालित कराना ।
” सर्राफा एवं स्वर्णकार सभा मंच ” का निर्माण आरा के हृदयस्थली गोपाली चौक के कराना।चौराहे के मध्य भाग में सभा मंच का निर्माण कराना ।
उस “सर्राफा एवं स्वर्णकार सभा मंच ” के ऊपर (प्रथम तल्ल पर) व्यापारियों की सुरक्षा हेतु स्थायी थाना का निर्माण कराना.
कन्या विवाह योजना के अन्तर्गत “गरीब एवं साधनहीन ” सदस्यों के बहुत सी अविवाहित
कन्याओं का आर्थिक, शारीरिक सहयोग कर शादी-विवाह का आयोजन कराना.
” प्रत्येक वर्ष 02 अक्टुबर गाँधी जयन्ती ” के शुभ अवसर पर सदर अस्पताल, आरा में सभी मरीजों को फल एवं बिस्कुट निः शुल्क प्रदान कराना.
” बाढ़ जैसी आपदा में खाद्यान्न सामग्री” प्रशासनिक ट्रक से भेजवाना एवं वितरण कराना.”
गरीब रोगियों को आर्थिक सहयोग देकर चिकित्सा लाभ एवं समय-समय पर आई
कैम्प, स्वास्थ्य चेक-अप” जैसी सुविधाऐं प्रदान कराना । “
” व्यवसायियों की सुविधा एवं सुरक्षा हेतु” “परिचय-पत्र” मुख्यमंत्री द्वारा अग्रसारित आदेश लेकर डी.जी.पी. द्वारा आदेश की स्वीकृति प्रदान कर राजभवन में राज्यपाल महोदय द्वारा वितरित करवाना.
” पटना में सर्राफा व्यवसायियों पर बढ़ते अपराध की घटनाओं को देखते हुए डी.आई. जी. एवं अन्य सहयोगियों के साथ” पटना शहर के चौराहों पर उनका सहयोगात्मक सुझाव से भय समाप्त करवाना.
कड़ाके की ठंढ़ में गरीबों के बीच “निः शुल्क कम्बल वितरण ” कराना। इसके अलावे अन्य सामाजिक कार्यक्रम होली मिलन कार्यक्रम, वन भोज कार्यक्रम आदि का आयोजन कराना.
गरीब छात्रों को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रारंभ कराना.
समाज में अमीरी और गरीबी के बीच खाई को पाटने के लिए कार्यक्रम कराना.