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Wednesday, November 20, 2024
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    छत्तीसगढ़ में परिचय सम्मेलन से स्वर्णकार समाज में पुनर्जागरण नवजागरण पर जोर दे रहे डॉ. मनीष कुमार गुप्ता

    कपिल देव ठाकुर

    विविधताओं से भरे प्रदेश छत्तीसगढ़ में स्वर्णकार समाज अपनी पहचान को और मजबूती प्रदान करने के लिए नाना प्रकार से जतन कर रहा है. राज्य में स्वर्णकारों की स्थिति को सामाजिक, आर्थिक और बौधिक रूप से मजबूत करने में पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं डॉ. मनीष कुमार गुप्ता.
    डॉ. गुप्ता पेशे से दंत चिकित्सक हैं. करियर में तरक्की की अच्छी संभावना है. सोने-चांदी का कारोबार विरासत में मिला है. एक खुशहाल जिंदगी जीने की सारी स्थितियां डॉ. मनीष के अनुकूल हैं. फिर भी इनका मन व्याकुल रहता है क्यों?
    ऐसा इसलिए क्योंकि डॉ. मनीष चाहते हैं कि समाज में स्वर्णकार समाज को भी वह हक मिले जिसका वह हकदार है. कभी राजा-महाराजाओं के दौर में स्वर्णकारों की जो प्रतिष्ठा हुआ करती थी कुछ वैसा ही रूतबा देश की मौजूदा प्रजातांकित व्यवस्था में मिले. इसीलिए डॉ. मनीष स्वर्णकार समाज महासभा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष के रूप में लगातार प्रयासरत हैं. ये चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में संगठन मजबूती से खड़ा हो. स्वर्णकार समाज एकजुटता के सूत्र में बंधकर अपनी आवाज को बुलंद करे. तभी शासन और सियासत में समाज की बातों को गंभीरता से लिया जाएगा और समुचित तवज्जो मिलेगी.
    अपने मिशन में वे संगठन की मजबूती पर खास ध्यान दे रहे हैं. समाज के लोगों से विभिन्न माध्यमों से संपर्क कर संगठन की अहमियत और संवाद के महत्व पर प्रकाश डाल रहे हैं. कुरीतियों से दूर रहने की अपील करते हुए डॉ. मनीष का लगातार यह प्रयास रहता है कि अशिक्षा, बाल विवाह और दहेज जैसी कुप्रथा पर लगातार प्रहार किया जाता रहे. इसीलिए परिचय सम्मेलन के जरिए ऐसा माहौल बनाने में जुटे हैं ताकि दान-दहेज से दूर रहकर आदर्श तरीके से विवाह के बंधन में युवा बंधे. उनका मानना है कि शिक्षा और साक्षरता के प्रसार से इन कुरीतियों का खात्मा होगा और स्वर्णकार समाज में नवचेतना का संचार होगा.
    सामाजिक सम्मेलनों के जरिए परिचय और बंधुत्व बढ़ाने पर जोर देने वाले डॉ. मनीष का भरसक प्रयास रहता है कि आर्थिक चुनौतियों का सामना करने वाले स्वर्णकार परिवारों की हरसंभव मदद की जाए. बात चाहे बच्चों की पढ़ाई की हो या बच्चियों के शादी-विवाह की. बुजुर्गों के इलाज की नौबत आए या कारीगरों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो, ऐसी तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों में समाज के लोगों की मदद करने के लिए सतत प्रयत्नशील डॉ. मनीष मानते हैं कि समाज में आर्थिक रूप से संपन्न परिवार अपने स्तर से इस नेक काम में पहल करें तभी समाज का चौतरफा विकास हो सकेगा.
    डॉ. मनीष पेशे से चिकित्सक हैं लिहाजा मानते हैं कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है. यदि शरीर स्वस्थ है तभी जिंदगी का असली आनंद उठाया जा सकता है इसीलिए स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने और नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर के आयोजनों की भी पहल करते हैं. आगामी 4 सितंबर को रायपुर में इसी उद्देश्य से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है.

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