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Thursday, November 21, 2024
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    हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में ज्वेलर्स व कारीगरों के विकास के लिए बन रहा मॉडल, जानिए इसमें क्या है खास

    कपिलदेव ठाकुर

    देवभूमि के रूप में पहचान रखने वाले हिमाचल प्रदेश का छोटा सा जिला चंबा बड़ा इतिहास लिखने के मार्ग पर बढ़ चला है. चंबा का स्वर्णकार संघ ज्वेलर्स के साथ-साथ आभूषण कारोबार के विकास के लिए ऐसा मॉडल विकसित कर रहा जो पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकता है. यदि इस मॉडल पर अमल किया जाए तो आभूषण कारोबार जगत और परंपरागत कारीगरी की राह में आने वाली तमाम बाधाओं और चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है. बस आवश्यकता इस बात की रहेगी कि चंबा मॉडल पर शिद्दत से अमल किया जाए.
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    संजीव कुमार सम्मी

    पुरे चंबा जिले में बमुश्किल चार दर्जन आभूषण दुकानें हैं. कारीगरों की संख्या भी 200 के आसपास है लेकिन संगठन के अध्यक्ष संजीव कुमार सम्मी और उनकी टीम का विजन बहुत स्पष्टï है. संजीवन बताते हैं कि समय के साथ हर क्षेत्र में प्रशिक्षण जरूरी है और बिना प्रशिक्षण और ज्ञान अर्जित किए वैश्वीकरण के इस दौर में किसी भी पेशेवर आदमी को अपनी पेशे में मजबूती से टिके रहना असंभव नहीं तो बड़ी चुनौती अवश्य है.
    वे बताते हैं कि इसी कारण से उनके संगठन ने चंबा जिले के सभी ज्वेलर्स और कारीगरों को एकता के सूत्र में जोड़ा. छोटी-छोटी बैठकें कर सभी को आभूषण कारोबार जगत और कारीगरों के समक्ष आ रही चुनौतियों से वाकिफ कराया. उन लोगों को बताया गया कि कारोबार को बढ़ाने और गारीगरी को जिंदा रखने के लिए हमें क्या-क्या करना होगा?
    इन बैठकों में हुए विचार मंथन से निष्कर्ष निकला कि सबके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था हो, सरकार प्रदत्त योजनाओं का लाभ लेने के लिए चरणबद्घ तरीके से कदम उठाए जाएं और उत्पादों की गुणवत्ता के साथ-साथ ग्राहकों के साथ मधुर संबंध बनाए रखने पर खास ध्यान दिया जाए.
    स्वर्णकार संघ ने यह भी तय किया कि कारोबार कारीगरी, नौकरी या कोई भी अन्य काम करने के लिए इंसान के लिए अच्छा स्वास्थ्य रहना भी जरूरी है. इसीलिए संगठन के स्तर से मेडिकल कैंप लगाने की भी शुरूआत की गई.


    कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य को लेकर लोगों में चेतना जगाने पर भी स्वर्णकार संघ काम कर रहा है. सदस्यों समेत हर किसी को संदेश दिया जा रहा है कि शरीर स्वस्थ रहेगा तभी भविष्य उज्जवल रहेगा क्योंकि हम अपनी जिम्मेदारियों को शारीरिक रूप से तंदुरूस्त रहते हुए ही समुचित तरीके से निभा सकेंगे.


    चंबा जिले में हैंडीक्राफ्ट विभाग से सहयोग कर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. आर्टिजन कार्ड बनवाया जा रहा है. अब तक 100 से ज्यादा आर्टिजन कार्ड मिल भी चुका है. दस की संख्या में कारीगरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा. प्रशिक्षण अवधि छह महीने की है. इस दौरान प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कारीगर को हर महीने 15 हजार का भत्ता भी सरकार की ओर से मिलता है.
    संजीव बताते हैं कि जब सभी कारीगर प्रशिक्षण प्राप्त कर लेंगे तो वे मशीनीेकरण के इस दौर में खुद को नई तकनीक से भी लैस कर लेंगे और बदलते जमाने की मांग के अनुरूप आभूषणों का भी निर्माण करने लगेंगे. इससे दूसरे राज्यों और शहरों से आभूषण खरीदने की बाध्यता खत्म हो जाएगी. तब कारीगरों का काम भी बढ़ेगा और उनके बच्चे भी अपनी पुश्तैनी कला को अपनाने से बार-बार पीछे नहीं हटेंगे.


    ज्वलेर्स के लिए भी चंबा स्वर्णकार संघ कई योजनाओं पर काम कर रहा है. सरकार के नए नियम कानून से अवगत कराते हुए हॉलमार्किंग कराने में मदद कर रहा. बैंकों और वित्तीस संस्थानों से मदद का रास्ता दिखा रहा. ज्वेलरी के विकास के लिए सरकार की ओर से लाई गई योजनाओं को अंगीकार करने के तरीके बता रहा है. उम्मीद की जा रही है कि इससे ज्वेलर्स को बड़ा फायदा होगा और ज्वेलरी उद्योग को भी मजबूती मिलेगी.
    चंबा जिले के ज्वेलर्स हॉल मार्किंग के मोर्चे पर बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं. फिलहाल चंबा जिले में कोई हॉल मार्किंग सेंटर नहीं है. इसके लिए उन लोगों को करीब 120 किलोमीटर दूर स्थित पठानकोट जाना पड़ता है. 4 घंटे का सफर पहाड़ी रास्तों से पार करना पड़ता है. आभूषणों को लेकर जाने में सुरक्षा की भी चिंता बनी रहती है. पठानकोट से हॉल मार्किंग करके आभूषणों को दूसरे दिन दिया जाता है. इस तरह देखा जाए तो सिर्फ हॉल मार्किंग के लिए चंबा के ज्वेलर्स को दो दिन का समय, आने-जाने और ठहरने में अतिरिक्त पैसा लगाना पड़ता है.


    इसीलिए स्वर्णकार संघ सरकार से चंबा में हॉल मार्किंग सेंटर स्थापित करने की मांग कर रहा है. संगठन को अपने सदस्यों की वृद्घावस्था की भी चिंता है इसीलिए इनके लिए इंश्योरेंस स्कीम लागू करने के बारे में भी सोचा जा रहा है. इसके लिए सरकार से भी गुहार लगाई जाएगी और संगठन के स्तर से भी किसी सामूहिक बीमा प्लान के बारे में सोचा जाएगा.
    आने वाले दिनों में युवाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम, जीएसटी प्रशिक्षण कार्यशाला, परिचय सम्मेलन, सामूहिक विवाह आयोजन और पारिवारिक मिलन समारोह की भावना को और मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की भी तैयारी है. क्योंकि आज के युवा ही कल के भविष्य हैं और इसीलिए तो वर्तमान को और मजबूत बनाने में जीजान से जुटा हुआ है चंबा स्वर्णकार संघ.

    कपिल देव ठाकुर

    1 COMMENT

    1. बहुत ही सराहनीय कदम है कि कारीगर को सही मार्गदर्शन देते हुए ज्वैलर्स से उनके बीच समन्वय बना रहेगा🙏🙏🙏🙏
      आपका
      संजीव गुप्ता
      आल चंपदनि स्वर्णकार समाज ,कोलकाता

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