धर्मेंद्र कुमार
बदलते जमाने में आभूषण दुकानदारों और कारीगरों के समक्ष हर रोज नई-नई तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं. आभूषण कारोबार में अब नए-नए बाहरी खिलाड़ी और बड़ी-बड़ी कंपनियां भी प्रवेश कर रही हैं. अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी हैं.
अपनी परंपरागत विरासत को बचाए रखने के लिए आभूषण कारोबारियों का संगठन भी गंभीरता से पहल कर रहा है. इसकी एक बानगी दिख रही है प्राकृति खूबसूरती के लिए विख्यात राज्य सिक्किम और उसकी राजधानी गंगटोक में.
सिक्किम में आभूषण दुकानदारों और कारीगरों को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के मापदंडों के आधार पर प्रशिक्षित किया जा रहा है. ताकि कारीगरों को नई तकनीक के बारे में जानकारी मिल सके. हॉलमार्किंग के तरीकों को वे जान सकें और अपने पुश्तैनी पेश के समक्ष मशीनीकरण से उत्पन्न चुनौती का बखूबी सामना कर सकें.
सिक्किम ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद प्रधान , दोनों उपाध्यक्ष दीपक वर्मा व प्रमोद वर्मा बताते हैं कि उनके एसोसिएशन के करीब 250 से ज्यादा सदस्य इस बात पर पूरी तरह एकमत हैं कि सदस्यों को वर्तमान समय में मिल रही प्रतिस्पद्र्घा का सामना करने के लिए हर तरह से तैयार रखना होगा.
आनंद प्रधान और दीपक वर्मा यह भी बताते हैं कि पिछले दिनों उनके संगठन ने ट्रेनिंग की व्यवस्था कराई और इस तथ्य से अवगत कराया कि यदि वैश्वीकरण के इस दौर में अपना अस्तित्व और अहमियत को बचाकर रखना है तो जानकारी भी रखनी होगी, ज्ञान भी बढ़ाना होगा और प्रशिक्षण भी लेना होगा.
सिक्कम ज्वेलर्स एसोसिएशन ने पिछले दिनों राज्य के पांच सितारा होटल ताज विवंता में बैठककर आभूषण उद्योग के सामने आ रही चुनौतियों पर गहन मंथन किया और आगे की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया. आने वाले दिनों में ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही विकास के लिए जरूरी संसाधन भी मुहैया कराए जाएंगे.
बताते चलें कि सिक्कम ज्वेलर्स एसोसिएशन कारीगरों की मदद के लिए भी हमेशा तत्पर रहता है. उनके बच्चों की शिक्षा में भी मदद करता है और हर सुख-दुख के समय परिवार के सदस्य की भांति खड़ा रहता है. यही कारण है कि इस एसोसिएशन के कामकाज अब दूसरे राज्यों तक में नजीर बनने लगे हैं.