कपिल देव ठाकुर
रांची: समय के साथ हर क्षेत्र में बदलाव आ रहा. आभूषण कारोबार क्षेत्र भी इसमें शामिल है अब ग्राहक भी जागरूक होते जा रहे हैं और सरकारी मशीनरी भी नियम कानून को लागू कराने को लेकर सजग और सतर्क है. ऐसे में छोटी सी चूक भी कारोबारी के लिए भारी पड़ सकती है.
हम यह विचार आपके साथ इसलिए शेयर कर रहे हैं ताकि आपको भी जानकारी रहे कि देश में क्या चल रहा है? ग्रह, रत्न या सजावटी पत्थरों वाली ज्वेलरी बेचते समय आपको विशेष सतर्कता रखनी होगी और ज्वेलरी में लगे पत्थरों को सोना या चांदी के भाव से बेचने के बारे में तो सोचना भी नहीं होगा.
जाने अनजाने या चूक बश किसी आभूषण दुकानदार ने यदि सोने या चांदी के भाव में पत्थर जड़ित आभूषणों को बेच दिया तो वाह कार्रवाई के दायरे में आ सकता है. यदि किसी ने उपभोक्ता संरक्षण आयोग के पास शिकायत कर दी तो तय मानिए शिकायत प्रमाणित हो जाने पर कानून का डंडा चलेगा ही.
आपको दिल्ली की एक हालिया घटना से अवगत कराना चाहता. उस शहर में एक आभूषण दुकानदार ने पैन्डल सैट में लगे स्टोन को भी ग्राहक को सोने के भाव तौलकर बेच दिया.
इस पेंडल सेट के टूटने पर ग्राहक को पता चला कि इसमें बारीक स्टोन लगाये हुए हैं, जिनकी कीमत सोने की दर से ही वसूल की गई है. इस पर उसने ज्वैलर्स के विरुद्ध उपभोक्ता आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया.
सुनवाई के दौरान ज्वेलर्स की ओर से बताया गया कि ग्राहक को इस बाबत बता दिया गया था. बिल में अंकित शर्तों के अनुसार आइटम अदला-बदली करने पर स्टोन की कीमत भी सोने की दर से अदा की जाती है. ग्राहक द्वारा इन शर्तों को स्वीकार करते हुए ही आइटम की खरीद की गयी. लेकिन ज्वेलर्स की यह दलील आयोग के समक्ष अपना प्रभाव नहीं जमा पाई.
आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा, सदस्य डॉ अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी ने अपने निर्णय में कहा है कि किसी भी व्यापारी को ज्वैलरी में लगे पत्थरों को सोने के भाव ग्राहक को बेचने का अधिकार नहीं है.
ग्राहक के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह भविष्य में विक्रेता से ही इस ज्वैलरी की अदला- बदली या रिटर्न करे.
आय़ोग ने ग्राहक पर इस प्रकार की शर्तें थोपना अवैध व अनुचित व्यापार-व्यवहार किया जाना माना तथा स्टोन के निमित्त नाजायज वसूली की गई साढ़े पांच हजार रुपये की राशि वापस लौटाने के साथ शारीरिक व मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति हेतु पचास हजार रुपये हर्जाना परिवादी को भुगतान करने का आदेश दिया है.
आयोग ने ज्वैलरी फर्म द्वारा अपने शोरूमों के द्वारा ग्राहकों से इस प्रकार नाजायज राशि वसूल कर किये जा रहे अनुचित व्यापार-व्यवहार को भी गंभीरता से लिया तथा फर्म पर एक लाख रुपये का अतिरिक्त हर्जाना भी लगाया है. उक्त राशि दो माह की अवधि में उपभोक्ता कल्याण कोष राजस्थान में जमा कराने का आदेश दिया गया है.
ग्राहक राजस्थान के जोधपुर शहर का निवासी था और उसने अपने यहां उपभोक्ता संरक्षण आयोग के यहां ज्वेलर्स की शिकायत की थी.
खबर को हम जागरुकता बढ़ाने के लिहाज से शेयर कर रहे हैं. हमारा मकसद किसी ज्वेलर्स या ग्राहक का नाम उजागर कर परेशानी में डालने का नहीं है लिहाजा हमने इन दोनों के नामों का उल्लेख नहीं किया है.