रांची / धनबाद: झारखंड के क्षेत्रीय हिन्दी न्यूज चैनल न्यूज-11 के मालिक अरूप चटर्जी को धनबाद के एक व्यापारी राकेश कुमार ओझा से कथित तौर पर 11 लाख रुपये मांगनेके आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. रविवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अरूप चटर्जी पर लंबे समय से कारोबारियों, ठेकेदारों, बिल्डरों और ज्वेलर्स आदि को ब्लैकमेल कर वसूली करने का आरोप लगता रहा है.
जानकारी के अनुसार धनबाद पुलिस ने अरूप चटर्जी को रंगदारी, ब्लैकमेलिंग और आपराधिक साजिश के आरोप में रांची-कांके रोड स्थित उनके आवास से शनिवार देर रात गिरफ्तार किया. चटर्जी के खिलाफ गत 27 जून को धनबाद के गोविंदपुर थाने में धारा-193, 386, 387, 418, 420, 486, 469, 500, 503 और 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
कारोबारी ने लगाए गंभीर आरोप
अरूप चटर्जी पर धनबाद के व्यवसायी और बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय के एक निकट संबंधी राकेश कुमार ओझा ने आरोप लगाया था कि चटर्जी ने अपने न्यूज चैनल पर झूठी खबर चलाई थी और अपने रिपोर्टर के माध्यम से 11 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी. राकेश के अनुसार अरूप चटर्जी ने उन्हें धमकी दी थी कि रंगदारी नहीं देने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार राकेश ने कहा था कि उन्होंने छह लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया था लेकिन धमकी भरे कॉल बंद नहीं हुए और अरूप चटर्जी की ओर से पैसे की मांग की जाती रही.
राकेश ओझा का धनबाद के गोविंदपुर में शिवम हार्डकोक का व्यवसाय है. अरूप चटर्जी पर धनबाद के कई कोयला कारोबारियों को ब्लैकमेल करने का भी आरोप है. बताया जाता है कि राकेश ओझा ने अरूप चटर्जी के ब्लैकमेलिंग से आजीज होकर हिम्मत दिखाई और उनके खिलाफ पुलिस से शिकायत की.
रांची स्थित चांदनी चौक से गिरफ्तारी
बताया जाता है कि राकेश के शिकायत के बाद पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर पूरे मामले की जांच की और इसके बाद वरीय अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस की विशेष टीम रांची के कांके रोड स्थित चांदनी चौक के पास अरूप चटर्जी के फ्लैट पर धावा बोलकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्हें गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम का नेतृत्व डीएसपी अमर कुमार पांडेय ने किया. इस विशेष टीम में 22 पुलिसकर्मी शामिल थे.
हालांकि जेल जाते समय अरूप चटर्जी ने मीडिया के समक्ष कहा कि उन्हें धनबाद पुलिस ने साजिश के तहत फंसाया है. धनबाद में 2 हजार करोड़ रुपये का अवैध कोयला के कारोबार का खेल हुआ है. वे मामले को लेकर हाईकोर्ट तक जाएंगे.
आरोप पर करीब दो दर्जन मामले दर्ज
बताते चलें कि अरूप चटर्जी पर झारखंड के अलग-अलग थानों में करीब दो दर्जन मामले दर्ज हैं. करीब आधा दर्जन मामलों में पहले से वारंट जारी है. हालांकि वे पिछले कई वर्षों से पुलिस से बचते आ रहे थे. लेकिन धनबाद के व्यवसायी राकेश कुमार ओझा द्वारा दिखाई गई निडरता के कारण ही अरूप के खिलाफ एक और मामला दर्ज हुआ जो उन्हें सलाखों के पीछे ले जाने का आधार बना.