कपिलदेव ठाकुर
रांची: हमने छह मई को झारखंड की राजधानी रांची या औद्योगिक राजधानी की पहचान रखनेवाले जमशेदपुर में ज्लैलरी पार्क की स्थापना को लेकर राज्य सरकार के स्तर से त्वरित व ठोस कार्रवाई को आगे बढ़ाने की आवश्यकता बताते हुए इस मुहिम का आगाज किया था. हमें बताने में यह अपार हर्ष हो रहा कि हमारी मुहिम को कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट का भी साथ मिल गया है.
झारखंड में ज्वैलरी पार्क की स्थापना कराने की दिशा में हमारी मुहिम को आगे बढ़ाया है राज्य के कारोबार जगत प्रमुख हस्ती, प्रमुख कारोबारी संगठन सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के दो बार अध्यक्ष रहे व वर्तमान में कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने.
उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से झारखंड में भी ज्वैलरी पार्क बनाने की मांग की है. ताकि सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले आभूषणों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए अन्य राज्यों के साथ झारखंड को भी सरकार से स्तर से समर्थन मिल सके.
सोंथालिया के अनुसार झारखंड में ज्वैलरी पार्क स्थापित करने के लिए तमाम अनुकूल परिस्थिति है. ऐसा होने पर अपनी खनिज संपदा के लिए पूरी दुनिया में विख्यात इस राज्य से भी घरेलू बाजार के साथ-साथ अन्य देशों को भी उच्च गुणवत्ता वाले आभूषणों का निर्यात किया जा सकेगा.
सोंथालिया ने केंद्रीय मंत्री गोयल को लिखे पत्र में कहा है कि भारत में आभूषण पार्क एक बहुत ही आशाजनक और सक्रिय क्षेत्र है, जो विदेशी मुद्रा अर्जित कर सकता है.
देश में लगभग 3 लाख जौहरी आभूषण व्यवसाय में लगे हुए हैं, जिनमें से लगभग 50 हजार छोटे और बड़े जौहरियों ने पूरे भारत में 8 लाख से अधिक कारीगरों से आभूषण बनवाए हैं.
सोंथालिया के अनुसार ऐसा ज्वैलरी पार्क एक छतरी के नीचे एंड टू एंड ज्वेलरी मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करेगा. यह सभी सहायक सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, एक कुशल कार्यबल और गुणवत्तापूर्ण आभूषण के निर्माण के लिए अनुकूल वातावरण भी प्रदान करेगा.
सोंथालिया ने ज्वैलरी पार्क के लिए हमारी पहल को आगे बढ़ाकर आभूषण कारोबार जगत के साथ साथ स्वर्णकार समाज के हित में बड़ा काम किया है. ज्वैलरी पार्क बनने से स्वर्णकार समाज के भी हजारों-लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.
ऐसे में अब इस मुहिम को और प्रभावी तरीके आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. आभूषण कारोबार से जुड़े तमाम संगठनों, उनके पदाधिकारियों के अलावा दूसरे व्यापारिक संगठनों व उनके नेताओं को अब आगे आना होगा. स्वर्णकार समाज के प्रतिनिध संगठनों को भी इस मुहिम को आगे बढ़ाने में ऊर्जा खपानी होगी.
इसीलिए आप सभी से निवेदन है कि राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार के समक्ष भी इस मांग को प्रभावी तरीके से उठाया जाए. पत्र भेजकर इस मुहिम को गति प्रदान की जाए. फिर आगे की रोडमैप पर हम आगे बढ़ेंगे.
(लेखक सोनार संसार डॉट इन के कार्यकारी संपादक है )