रांची: झारखंड स्वर्णकार समाज की हस्ती व जमशेदपुर निवासी अशोक बर्मन (72) का बुधवार को इलाज के क्रम में रिम्स में निधन हो गया. वे लीवर की बीमारी के पीडि़त थे. कुछ दिन पहले ही उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया था. लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके.
अशोक बर्मन के पार्थिव शरीर को बुधवार शाम को विशेष वाहन से जमशेदपुर ले जाया गया जहां गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार भुइंयाडीह स्थित स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर किया जाएगा. अंतिम यात्रा मानगो डिमना रोड (गोल्डी होटल के पास) स्थित आवास से निकलेगी. अशोक बर्मन अपने पीछे पत्नी. दो पुत्र व एक पुत्री समेत भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं.
जमशेदपुर में स्वर्णकार विकास मंच की 1980 के दशक में स्थापना कराने में अशोक बर्मन ने अहम भूमिका निभाई थी. स्र्वकार समाज समेत आभूषण कारोबार से जुड़ी अनेक संस्थाओं के साथ उनका गहरा जुड़ाव रहा. स्वर्णकार समाज प आभूषण कारोबार से जुड़े लोगों की किसी भी तरह की समस्या के समाधान को लेकर सदा तत्पर रहनेवाले अशोक बर्मन ताऊम्र अपने समाज को सशक्त बनाने के लिए सक्रिय रहे.
अशोक बर्मन का कला-संस्कृति से भी गहरा जुड़ाव रहा. वे संगीत के भी महारथी थे. पेटिंग की कला में भी उन्हें निपुणता हासिल थी.
अपने समाजसेवी पिता मोतीलाल सोनी से समाजसेवा का भाव उन्हें विरासत में मिला था. वे ताउम्र इस प्रयास में लगे रहे कि नई पीढ़ी अपनी समृद्ध विरासत का वाहक बने और समय के साथ कदमताल करना भी सीखे.
अशोक बर्मन के निधन की खबर मिलने पर डिजिटल पत्रिका सोनार संसार डॉट इन ने एक बैठक कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का रखा. इस मौके पर सोनार संसार डाट इन के कार्यकारी संपादक कपिलदेव ठाकुर व प्रबंध संपादक धर्मेंद्र कुमार ने अशोक बर्मन की समाज सेवा को याद किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. कपिलदेव ठाकुर व धर्मेंद्र कुमार ने अशोक बर्मन के निधन को समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया.