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Friday, September 13, 2024
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    बिहार के पिछड़े इलाके में अवसर से वंचित प्रतिभाओं को निखार कर शिक्षा सेवा का नया आयाम लिख रहीं रीना ठाकुर


    मधुबनी। रीना ठाकुर.  झारखंड के रामगढ़ (हजारीबाग)के कोयलांचल में जन्मी,पली और बढ़ी आधुनिक परिवेश में शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत एक कुलीन स्वर्णकार परिवार की इस  बेटी ने सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र की अच्छी-भली नौकरी का विकल्प छोड़कर उस समाज सेवा को अपना करियर बनाने का निर्णय लिया जिसमें इंसान को घनघोर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
    बड़ी तपस्या के बाद किसी समाजसेवी को समुचित पहचान मिल पाती है और उसे अपनी सेवा के फलाफल पर गर्व के साथ संतोष की अनुभूति होती है. रीना ठाकुर एक ऐसी समाजसेवी है जिन्होंने उस मधुबनी को अपना कर्मस्थल बनाया जो पिछड़ेपन के लिए भी खास तौर से जाना जाता है. बेशक मिथिलांचल का यह जिला मुख्यालय अपनी बेमिसाल पेटिंग के साथ साथ  बेजोड़ प्रतिभाओं की उरर्वरा भूमि रहा है. लेकिन प्रतिभा तराशने और निखारने का समुचित मंच और अवसर नहीं रहने के कारण मधुबनी की गिनती पिछड़े जिलों के रूप में होती आयी है.
    रीना ठाकुर ने मधुबनी की इसी दशा और दिशा को बदलने का संकल्प लिया और अपनी लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने शिक्षा को अपना कारगर हथियार बनाया. मधुबनी की ऐतिहासिक  पृष्ठभूमि और वर्तमान परिवेश का गहन अध्ययन करने के बाद रीना ठाकुर इस नतीजे पर पहुंची कि इस इलाके में प्रतिभाओं की भरमार है आवश्यकता सिर्फ उन्हें तराशने भर की है.
    इसी सोच की बदौलत आज से 21 साल पहले मधुबनी की धरती पर रीना ठाकुर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशनन्स (आरटीजीआई) की आधारशिला रखी गयी. यह बिहार सरकार से मान्यता प्राप्त एडंवास इनफोरमेशन टेक्नॉलाजी डेवलपमेंट सोसाईटी (एआईटीडीएस) की एक इकाई है. आरटीजीआई के माध्यम से मधुबनी और आस-पास के इलाकों की प्रतिभाओं को बदलते जमाने के साथ कदमताल कराने के लिए की गयी रीना ठाकुर की पहल अब खास पहचान बना चुकी है. शिक्षा के विकास के लिए यह संस्थान अपनी एक खास पहचान बना चुका है. इलाके के बच्चों को आधुनिक तकनीक से युक्त शिक्षा की व्यवस्था कराकर आरटीजीआई न सिर्फ प्रतिभा पलायन को रोकने का काम कर रहा है बल्कि गरीब और कमजोर आर्थिक आधार वाले परिवारों से आने वाले प्रतिभाशाली बच्चों को घर में समुचित शिक्षा की व्यवस्था करा रहा है. इसलिए यह संस्थान मधुबनी ही नहीं बल्कि पूरे मिथिलांचल का गौरव साबित हो रहा है.
    आर्थिक रूप से पिछड़े मधुनबी को मिला आरटीजीआई जैसा नायाब तोहफा रीना ठाकुर की प्रतिभा व कर्मठता का प्रतिफल है. शिक्षा को विकास का स्तंभ मानने वाली रीना ठाकुर समय के साथ इस संस्थान को लगातार अपडेट कर रही हैं  और संस्थान नित नूतन लक्ष्य लिए प्रगति के पथ अग्रसर है.

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