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Saturday, September 14, 2024
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    रांची ज्वेलरी प्रदर्शनी ने बहुत कुछ सिखाया , अनुभव आगे करेगा बहुत काम: किरण वर्मा


    रांची. झारखंड में पहली बार जेम्स व ज्वेलरी प्रदर्शनी का आयोजन 17 से 19 अप्रैल तक रांची में किया गया. इसमें करीब तीन दर्जन नामीगिरामी कंपनियों अपने स्टॉल लगाये थे. स्वर्णकार समाज विकास एवं शोध संस्थान (एसएसवीएएसएस) के बनैर तले इस आयोजन किया गया था. संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के गया शहर को अपनी कर्मस्थली बना सामाजिक जीवन में पिछले तीन दशक से सक्रिय किरण वर्मा ने रांची में इस प्रदर्शनी के फलाफल के बारे में विस्तार से बातचीत की. प्रस्तुत है कार्यकारी संपादक कपिल देव ठाकुर प्रबंध संपादक धर्मेंद्र कुमार से हुई लंबी बातचीत का संपादित अंश:
    सवाल: रांची प्रदर्शनी के प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया
    जबाब: हम इसे बहुत अच्छा अनुभव मानते हैं. रांची प्रदर्शनी ने हमें बहुत कुछ सिखाया है यहां मिले अनुभव आगे बहुत काम आयेंगे.
    सवाल: पेशेवर नजरीए से देखे तो प्रदर्शनी कैसी रही
    जबाब: हमें यह कहने में तनीक भी संकोच नहीं है की झारखंड की धरती पर बहुत ही कम समय में की गयी तैयारी की बदौलत हमने जिस जेम्स व प्रदर्शनी का आयोजन किया उसकी सफलता को किसी पैरामीटर में इसलिए नहीं मापा जा सकता क्योंकि यह पहला प्रयास था. इसलिए जो भी हासिल हुआ उसे सफलता की श्रेणी में ही हम रखते है. वैसे ही यह बीजारोपण के सामान था जिसका फल आने वाले वर्षों में हम सभी को प्राप्त होगा.
    सवाल: झारखंड में प्रदर्शनी लेकिन राज्य के आभूषण प्रतिष्ठानों के स्टॉल बहुत कम नजर आये, ऐसा क्यों
    जबाब: हम यह बात पूरी साफगोइ के साथ बताना चाहते है की झारखंड में पहली बार हमारे संगठन के बैनर तले प्रदर्शनी लगी मुख्यकत्र्ता धत्र्ता और हमारे संगठन की बिहार इकाई के अध्यक्ष अरूण कुमार वर्मा और हमारी टीम ने झारखंड के प्रमुख शहरों में जाकर इसके बारे में भरपूर प्रचार प्रसार किया. हो सकता है पहली बार प्रदर्शनी शामिल होने को लेकर आभूषण कारोबारियों को हम उस स्तर तक मोटीवेट नहीं कर सकें हो जैसा होना चाहिए आगे हम इस का विशेष ध्यान रखेंगे.
    सवाल: प्रदर्शनी से क्या कोई सबक भी मिला
    जबाब: हम इसे सबक तो नहीं कहेंगे लेकिन अनुभव कहने से गुरेज भी नहीं करेंगे. झारखंड के लोगों खासकर आभूषण कारोबारियों में अभी भी नई चीजों को साथ करने के लिए जैसी ललक देखी जानी चाहिए वैसी ललक प्रदर्शनी में देखने में नहीं मिली. आभूषण क्षेत्र में सक्रिय कारीगर भी प्रदर्शनी में वैसी संख्या में नहीं आये जैसी सद्भावना की हमें अपेक्षा थी. हम देखेंगे की आने वाले समय में आभूषण कारोबारियों और कारीगरों को और ज्यादा संख्या में कैसे अपने साथ जोड़े.
    सवाल: संगठन विस्तार के बारे में आपकी राय
    जबाब: झारखंड में पूरा मैदान खाली है रांची जमशेदपुर, धनबाद हजारीबाग डालटेनगंज जैसे शहरों पर हमारा फोकस रहेगा. सदूर इलाकों में रहने वाले स्वर्णकार समाज के लोगों से संपर्क स्थापित कर हम नये तेवर कलेवर के साथ स्वर्णकार समाज की एकजुटता और भलाई के लिए अभियान शुरू करेंगे. इसमें आपका भी साथ चाहिए क्योंकि हमारा मानना है की आज के दौर में किसी भी तरह के अभियान में मंजील तक पहुंचाने में मीडिया का रचनात्मक सहयोग बहुत जरूरी है.

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