धर्मेंद्र कुमार
रांची: झारखंड की राजधानी रांची के लालपुर स्थित सर्कुलर रोड के होटल रेनडेव में चल रही जेम्स व ज्वेलरी प्रदर्शनी का सोमवार 18 अप्रैल को दूसरा दिन है. करीब तीन दर्जन स्टाल लगे हैं. देश के प्रमुख आभूषण निर्माता अपने उत्पादों के साथ स्टाल पर जा रहे लोगों का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं और जेम्स व ज्वेलरी से जुड़े हर सवाल का मुस्कुराते हुए जवाब दे रहे हैं.
प्रदर्शनी में आए कारोबारी पहली बार झारखंड के आभूषण कारोबार को देख रहे हैं, इस राज्य के लोगों व कारोबारियों के मन मिजाज का आकलन कर अपनी ओर से एक से बढ़कर एक डिजाइन के गहनों को लेकर आए हैं.
सोना व चांदी के अलावा हीरे के गहने भी प्रदर्शनी में आ रहे लोगों को अपनी ओर खींच रहे हैं. हर स्टाल पर उसके ब्रांड की अपनी विशेषता दिख रही है. कहीं तीन ग्राम सोने से बना आभूषण सहसा यह विश्वास ही नहीं होने दे रहा कि इतना हल्का है तो चांदी का रिंग ऐसी चमक बिखेर रहा मानो वह चांदी है ही नहीं,
बड़ी बात यह कि प्रदर्शनी में हॉल मार्क वाले गहने ही उपलब्ध हैं. कारोबारी सेवाशर्त को भी कारोबारियों के अनुकूल रखने का प्रयास किया गया है.
इस प्रदर्शनी का आयोजन स्वर्णकार समाज विकास एवं शोध संस्थान (एसएसवीएएसएस)जैसे सामाजिक संगठन के बैनर तले किया गया है, इस संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष किरण वर्मा व प्रदर्शनी को लेकर संगठन की प्रवक्ता की भूमिका निभा रहे गोपाल सोनी ने बताया कि ज्वेलरी प्रदर्शनी में एक ही छत के नीचे देश की ब्रांडेड कंपनियां रांची में आई हैं जो झारखंड के लिए गर्व की बात है. इससे झारखंड के आभूषण कारोबारियों को आगे बढऩे का अवसर प्राप्त हुआ है. साथ ही जरूरतमंद कारीगरों को आर्थिक मदद का रास्ता भी इस प्रदर्शनी के माध्यम से खुलेगा.
किरण वर्मा बताती हैं कि इससे झारखंड को लोगों को आभूषण क्षेत्र के बारे में नवीनतम जानकारी मिल रही है. एक से बढ़कर एक उत्पादों को भी देखने-समझने व खरीदने का मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि सोमवार को प्रदर्शनी के दूसरे दिन लोगों की संख्या बढऩे से आयोजकों का उत्साह बढ़ा है.
रविवार को सांसद संजय सेठ ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. वे कई स्टालों पर भी गए. आभूषण समेत इस कारोबार से जुड़ी चुनौतियों व समस्याओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की और अपने स्तर से इनके समाधान का भरसक प्रयास करने का भरोसा दिया.
मंगलवार 19 अप्रैल को प्रदर्शनी का अंतिम दिन है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि उस दिन स्टालों पर ऐसी भीड़ देखने को मिलेगी जिससे आनेवाली कंपनियों के संचालक उसी तरह गदगद नजर आएंगे जैसा वे पटना में लगनेवाली प्रदर्शनी में नजर आते हैं.