देश के स्वर्णकार समाज में राष्ट्रीय कनौजिया सोनार महापरिवार का महत्वपूर्ण दखल है. इससे तमाम सदस्यों को एक बैनर के तले एकजुट करने के लिए महाअभियान चलाया जा रहा है. सात राज्यों के कई शहरों में इसकी शाखाएं गठित की जा चुकी हैं. संगठन तेजी से अपनी पहचान बना रहा है. इसी क्रम में स्वर्णकार समाज की ऑनलाइन पत्रिका सोनार संसार डॉट इन ने राष्ट्रीय कनौजिया सोनार महापरिवार के चेयरमैन शंकर लाल से झारखंड की औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में लंबी बातचीत की.
संगठन की दिशा व दशा के बारे में कई ज्वलंत सवालों को उनके सामने रखा. उनके संगठन की योजनाओं के बारे में जानना चाहा. शंकर लाल ने पूरी बेबाकी के साथ अपनी बातों को रखा जिसमें उनके भीतर समाज व संगठन को मजबूत करने के भाव साफ तौर पर नजर आए.
राष्ट्रीय कनौजिया सोनार महापरिवार (आरकेएसएम) के चेयरमैन शंकर लाल ने बताया कि आनेवाले दिनों में संगठन को और मजबूती प्रदान करने का सुविचारित खाका तैयार है. उसपर अमल करने की रूपरेखा भी बनाई जा चुकी है. शंकर लाल ने कहा कि आरकेएसएम संगठन विस्तार के साथ फिलहाल समाज सेवा के कई प्रकल्पों पर काम कर रहा है. कोरोना काल में स्वास्थ्य व इससे जुड़ी सेवाओं पर हमारा फोकस रहा. संपूर्ण शरीर जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर के साथ-साथ रक्तदान शिविर के माध्यम से संगठन लोगों के बीच गया. खुशी की बात रही कि उम्मीद के ज्यादा रेस्पांस मिला.
आरकेएसएम के चेयरमैन का कहना था कि आनेवाले दिनों में शिक्षा के प्रचार पर जोर रहेगा. समाज के प्रबुद्ध लोगों से इसमें आगे आने की अपील की जाएगी. साथ ही दहेज प्रथा पर भी प्रहार किया जाएगा. लोगों से बिना दहेज की शादी के लिए अपील की जाएगी. ऐसा करने वालों को संगठन की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा ताकि समाज में सार्थक संदेश जा सके. उन्होंने कहा कि बाल विवाह प्रथा को रोकने व विधवा विवाह को बढ़ावा देने पर भी काम किया जाएगा.
एक सवाल के जवाब में शंकर लाल ने कहा कि समाज का विकास उसकी एकजुटता से ही संभव है. इसीलिए समाज के विकास के लिए एक-एक लोग को संगठित होने का आह्वान किया जा रहा है. क्योंकि यह सच है कि आज कनौजिया सोनार बिखरे हैं. उन्हें संगठित करना जरूरी है. समाज को अग्रणी भूमिका में आना है. देश के सात राज्यों झारखंड, बिहार, बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के 170 स्थानों पर संगठन सक्रिय है. इसका और विस्तार किया जाएगा.
शंकर लाल ने कहा कि वैसे तो सभी शहरों में संगठन का अपना भवन बनाने की योजना है लेकिन शुरुआत कुछेक शहरों से की जाएगी. संसाधन बड़ी चुनौती जरूर है पर समाज के सहयोग से इसका प्रबंध हो जाने की उम्मीद है. झारखंड के बोकारो व धनबाद में भवन के लिए सहयोग देने लोग आगे आए हैं. बिहार में भी अच्छा समर्थन मिल रहा है. और बिहार में भी लोग भवन हेतु जमीन देने को आगे आ रहे हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में शंकर लाल ने कहा कि हमारी आबादी कम नहीं है फिर भी हमलोग उपेक्षित है. हमारा समाज ओबीसी टू में है परंतु कोई लाभ नहीं मिल रहा. हमलोग ओबीसी कोटि एक के हकदार हैं जो हमें मिलना चाहिए. इसके लिए हमें लड़ाई लडऩी होगी. पूर्व में इसके लिए संपूर्ण राज्य में पिछड़ा आयोग के चेयर मैन के साथ पूरे राज्य का अवलोकन किया जा चुका है लेकिन सरकार अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है इसके लिए एकजुट होकर अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखनी है इसके लिए एकजुट होना ज़रूरी है
उन्होंने कहा कि हर स्वर्णकार को अपने सोनार होने पर गर्व होना चाहिए. जब यह भावना हर सदस्य के मन में मजबूती के आकार ग्रहण करेगी तो समाज को वाजिब हक भी मिलेगा और कोई भी लक्ष्य भी हासिल किया जा सकेगा.