पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना के गांधी मैदान में गुरुवार को 25 हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा। मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि नियोजित शिक्षकों को भी सरकारी दर्जा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को पैसा तो दे ही रहे हैं। हम सोच रहे हैं कि एक मामूली परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को सरकारीकरण कर दें। शिक्षकों की बहाली को लेकर उठ रहे सवाल पर नीतीश ने कहा कि जो लोग आरोप लगा रहे हैं कि बाहरी लोगों को नौकरी देने से बिहार के लोगों की हकमारी हो रही है, तो उन्हें पता होना चाहिए कि बिहार के कितने ही लोग दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे हैं। यह तो खुशी की बात है कि दूसरे राज्यों से लोग बिहार आकर यहां के स्कूलों में पढ़ाएंगे।
सीएम ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में बड़े पैमाने पर नियुक्ति की गई है। जितने बड़े पैमाने पर बिहार में नियुक्ति हुई है उतने बड़े पैमाने पर कही भी नियुक्ति नहीं हुई है। ये बात याद रखिएगा। खासकर मीडिया के लोगों को कहेंगे कि इस बात को याद रखिएगा। उन्होंने कहा कि अभी केवल 50 हजार हुआ तो कितना छपा और हमलोग इतनी बड़ी संख्या में कर रहे हैं तो थोड़े छपेगा। भले मत छापिए लेकिन बात तो जान लीजिए कि कितने बड़े पैमाने पर बहाली हो रही है।
नीतीश ने कहा कि 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली के लिए हुई परीक्षा में करीब 8 लाख शिक्षकों ने भाग लिया। परीक्षा में सभी सफल नहीं हो सके तो सिर्फ 88 फीसदी शिक्षकों की ही बहाली हो सकी है। जो लोग सवाल उठा रहे हैं कि बाहरी लोगों की बहाली हुई है, उनको पता है सब दिन से कोई भी बहाली होती है तो देशभर के लोगों को मौका दिया जाता है। बिहार के लड़के-लड़कियों को दूसरे राज्यों में कितनी बहाली मिलती है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तारीफ करते हुए कहा कि जो इतनी ताली बजा रहे हैं, यह देखकर हमको बहुत खुशी हो रही है। हमने उन्हें जो जिम्मेदारी दी उसमें उन्होंने अच्छा काम किया है। कोई-कोई इनके बारे में बोलते रहता है। यह ठीक नहीं है। देखिए आपको सब लोग प्रशंसा कर रहे हैं। आप ठीक-ठाक कम कर रहे हैं।