Tuesday, February 11, 2025
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    उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, देर तक कांपती रही धरती

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    नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटकों से धरती कांप गई। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मापी गई है।
    भूकंप का समय 11.32 मिनट रहा। भूकंप के झटके यूपी के साथ ही बिहार में महसूस किए। भूकंप का झटका इतना जबरदस्त था कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। कई लोग अपने बच्चों को गोद में लेकर नीचे की तरफ भागे। एनसीआर में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में रहने वाले लोग अपने फ्लैट से बाहर निकल आए। लोगों का कहना था कि कि ऐसा महसूस हो रहा था कि पूरी बिल्डिंग कांप रही है।

    भूकंप के झटके यूपी से लेकर बिहार तक महसूस किए गए। यूपी, बिहार में जब भूकंप आया उस समय तक अधिक लोग सो चुके थे। ऐसे में अचानक भूकंप के झटकों से लोगों की नींद खुल गई। लोग घबराकर अपने घरों से बाहर आ गए। भूकंप के झटकों से घर का सामान हिलने लगा। भूकंप के बाद लोग अपने घरों के भीतर जाने से डर रहे थे। लोगों के मन में डर था कि कहीं भूकंप के झटके दुबारा ना आ जाएं। पटना में स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें भूकंप के झटके 25 से 30 सेकंड तक महसूस हुआ। लोगों ने बताया कि अभी हम लोग सोने की तैयारी में थे तभी अचानक पलंग हिलने लगा।

    नेपाल के जाजरकोट में था भूकंप का केंद्र
    भूकंप का केंद्र नेपाल के जाजरकोट जिले में था। जाजरकोट यूपी और बिहार के करीब है। इस वजह से उत्तर भारत के साथ ही पूर्वी भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके बहुत तेज महसूस किए गए। हालांकि, नेपाल में जहां भूकंप का केंद्र था वहां अभी किसी तरह के नुकसान को लेकर अभीतक कोई सूचना नहीं मिली है।

    क्यों आता है भूकंप : पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टरबेंस के बाद भूकंप आता है।

    कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता : भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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