रांची। झारखंड में कई घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। ईडी के अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने और झूठे केस में फंसाने की साजिश रची गयी थी। ईडी अफसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को दी गई है।
इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक पत्र भी राज्य पुलिस को भेजा है, जिसमें ईडी अफसरों की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिया गया है।
ईडी की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि ईडी के अफसरों को न सिर्फ राज्य के बड़े अफसरों के साथ मिलकर फर्जी मुकदमे में फंसाने की साजिश रची गई थी, बल्कि ईडी के दो अफसरों को तो नुकसान पहुंचाने के लिए आरोपितों ने झारखंड के एक गैंगस्टर से भी संपर्क साध लिया था। रांची जेल में बंद गैंगस्टर के एक गुर्गे से इसे लेकर आरोपितों ने बैठकर प्लानिंग भी की थी।
मामले की जानकारी मिलने के बाद ईडी ने शुक्रवार को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में छापेमारी की थी। ईडी को जेल में छापेमारी के दौरान सीसीटीवी फुटेज सहित कई कागजात मिले, जिसे खंगाला जा रहा है। इस मामले में जेल अधीक्षक और जेलर को ईडी फिर समन कर सकता है।
इससे पहले ईडी को यह भी जानकारी मिली थी कि ईडी के एक अफसर को धुर्वा में एसटी-एससी केस में आरोपित करने के बाद नए सिरे से गंभीर किस्म के आरोप में फंसाने की साजिश जेल से ही रची गई थी।
आरोपियों ने ईडी अफसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए पहले नक्सलियों से संपर्क किया था लेकिन नक्सलियों ने इस मामले में पड़ने से साफ इंकार कर दिया था। इसके बाद झारखंड के एक गैंगस्टर से संपर्क साधा और प्लानिंग शुरू की। इस साजिश में अवैध खनन और जमीन घोटाले में शामिल प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल सहित कई दूसरे कैदियों की भूमिका बतायी जा रही है।