नयी दिल्ली। वायु सेना को इस साल के अंत तक स्वदेशी एयर टू एयर एस्ट्रा एमके-1 मिसाइल मिलेगा। इन मिसाइलों के उत्पादन के लिए भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) को मंजूरी भी मिल गई है। हाल ही में तेजस विमान से भी इसका सफल परीक्षण किया गया था। भारतीय वायु सेना और नौसेना पहले से एस्ट्रा मिसाइल का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन अब एस्ट्रा एमके-1 मिसाइलों को भारतीय वायु सेना के मिग-29, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस और भारतीय नौसेना के मिग-29ए विमानों के साथ लैस किये जाने की योजना है।
वायु सेना ने पहले ही इन मिसाइलों के लिए भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ 2 अनुबंध कर रखे हैं। अब स्वदेशी एस्ट्रा एमके-1 बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल की क्षमता 100 किमी. से बढ़ा कर 160 किमी. कर दी गई है। साथ ही दोहरे पल्स रॉकेट मोटर की सहायता से 160 किमी. की विस्तारित सीमा के साथ एस्ट्रा एमके-2 को विकसित किया जाना है। भारतीय वायु सेना और नौसेना पहले से एस्ट्रा मिसाइल का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन अब एस्ट्रा एमके-1 मिसाइलों को भारतीय वायु सेना के मिग-29, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस और भारतीय नौसेना के मिग-29ए विमानों के साथ लैस किया जा रहा है।
बीडीएल को स्वदेशी एयर टू एयर एस्ट्रा एमके-1 मिसाइलों के थोक उत्पादन की मंजूरी भी मिल गई है। हाल ही में तेजस विमान से भी इसका सफल परीक्षण किया गया था। वायु सेना के हथियार खजाने में इस साल के अंत तक स्वदेशी एयर टू एयर एस्ट्रा एमके-1 मिसाइल शामिल हो जाएगी। वायु सेना एस्ट्रा एमके-2 का स्टेटिक फायर करके परीक्षण कर चुकी है। आने वाले वर्षों में एस्ट्रा एमके-1 और एमके-2 एयर टू एयर क्षेत्र में भारतीय वायु सेना का मुख्य हथियार होंगे। भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान पहले ही एस्ट्रा मिसाइलों के साथ एकीकृत है और इसका उत्पादन भारत डायनामिक्स लिमिटेड कर रही है।
लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद दोनों सेनाओं के लिए 248 स्वदेशी एस्ट्रा एमके-1 मिसाइल खरीदने का आॅर्डर किया गया था। इसमें 200 मिसाइलें वायु सेना के लिए और 50 नौसेना के लिए थीं। बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर 50 मिसाइलों की पहली खेप भारतीय वायु सेना को अक्टूबर, 2020 में मिली थी। यह मिसाइल इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटरमेशर्स से लैस है, इसलिए दुश्मन के प्रयासों को नाकाम करके अपने आॅपरेशन को अंजाम देती है। एस्ट्रा एमके-1 मिसाइल 3.6 मीटर (12 फीट) लंबी है और 4.5 मैक की गति तक अधिकतम 20 किमी. (66 हजार फीट) की ऊंचाई से संचालित हो सकती है। इसकी अधिकतम सीमा हेड-आॅन चेस मोड में 110 किमी. (68 मील) और टेल चेस मोड में 20 किमी. (12 मील) है।