नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मोहन भागवत ने मंगलवार को मतदाताओं को उन विभाजनकारी ताकतों से सतर्क रहने के लिए आगाह किया, जो लोकसभा चुनावों के बाद पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान परेशानी पैदा कर सकती हैं और उनसे आग्रह किया कि वे विभाजनकारी ताकतों से सतर्क रहें व उम्मीदवारों के बीच सर्वोत्तम का चयन करें।
आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि उन लोगों के आगे न झुकें, जो आपको समाज को विभाजित करने के लिए उकसाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने उनसे अपने मताधिकार का प्रयोग करने का राष्ट्रीय कर्तव्य निभाने का आग्रह किया।
महाराष्ट्र के नागपुर में विशाल रेशिमबाग मैदान में वार्षिक विजयदशमी समारोह को संबोधित करते हुए, भागवत ने भारत में प्रतिष्ठित जी20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी करने और भागीदार देशों को भारतीय आतिथ्य प्रदान करने के लिए सभी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत में मेहमानों ने भारतीय परंपराओं और संस्कृति का आनंद लिया और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि यह वास्तव में एक उपलब्धि है कि भारत में अपने सत्र के दौरान जी20 ने अफ्रीकी संघ का गर्मजोशी से स्वागत किया। विज्ञान, कृषि और रक्षा क्षेत्र में भारत की सर्वांगीण प्रगति का प्रदर्शन किया गया।
मणिपुर संकट पर उन्होंने कहा कि हिंसा में कुछ अलगाववादी ताकतें शामिल है। कुकी मैतेई दोनों समूह वर्षों से वहां शांतिपूर्वक रह रहे थे, लेकिन सीमावर्ती इलाकों में परेशानी पैदा हो गई।
संभवत: पहली बार खेलों का जिक्र करते हुए आरएसएस प्रमुख ने उन एथलीटों की सराहना की, जिन्होंने हाल ही में चीन में आयोजित एशियाई खेलों में देश को गौरवान्वित किया। वह 18 स्वर्ण, 28 रजत और 47 कांस्य पदकों की कुल संख्या 107 का उल्लेख करना नहीं भूले।
भागवत ने डिजिटल इंडिया, कृषि और रक्षा क्षेत्र में प्रगति की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था हाल में 10वें स्थान से शीर्ष पांच में पहुंच गई है।
लेकिन आरएसएस प्रमुख ने अगले साल की शुरूआत में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का उल्लेख नहीं किया।