खेरालु । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को माल ढुलाई गलियारे का दिया तोहफा। 77 किलोमीटर लंबा न्यू भांडू-न्यू साणंद खंड राष्ट्र को समर्पित किया, जिससे क्षेत्र में बंदरगाहों और विनिर्माण केंद्रों से माल के परिवहन को गति मिलेगी।
इस खंड पर 60 मालगाड़ियां पहले यात्री रेल मार्गों से गुजरती थीं जिन्हें अब मालवहन गलियारे पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जिससे यात्री रेलगाड़ियों की गति में तेजी आई है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का यात्रा समय लगभग एक घंटे कम हो गया है।
माल ढुलाई गलियारे (डीएफसी) के नए खंड ने आयात-निर्यात यातायात की आवाजाही को तेज करने और पारगमन समय को कम करने के लिए पूर्वी तथा उत्तर भारत के साथ गुजरात के पिपावाव, पोरबंदर, जामनगर जैसे प्रमुख बंदरगाहों की कनेक्टिविटी बढ़ा दी है।
अधिकारी ने कहा कि इससे विरमगाम, जखवाड़ा, डेट्रोज, लिंच के माल टर्मिनल और जामनगर क्षेत्र के माल लदान केंद्रों तक कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिला है।
इस 77 किलोमीटर लंबे खंड और 24 किलोमीटर की कनेक्टिंग रेल लाइनों पर 19 बड़े पुल, 105 छोटे पुल, पांच रेल फ्लाईओवर, 81 रोड अंडर ब्रिज (लेवल क्रॉसिंग को खत्म करते हुए) और छह रोड ओवर ब्रिज हैं।
इस खंड की कुल परियोजना लागत लगभग 3,184 करोड़ रुपये है। डीएफसी ने भारत में पहली बार 32.5 टन एक्सल भार के लिए डिजाइन किए गए पुलों और संरचनाओं पर 25 टन एक्सल भार की भारी और लंबी दूरी की रेलगाड़ियों के संचालन को सक्षम किया है।
दोहरी लाइन वाला विद्युतीकृत मार्ग डीएफसी को तेज गति से अधिक माल ढुलाई में सक्षम बनाएगा। नया खंड आणंद में डेयरी उद्योग, जामनगर में तेल रिफाइनरी और दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के साथ भी त्वरित कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
डीएफसी ने 99.82 किमी प्रति घंटे की उच्चतम गति के साथ प्रभावशाली औसत गति भी हासिल की है।