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Friday, December 6, 2024
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    महंगाई से मिलेगी जल्द राहत, मोदी सरकार 25 रुपय किलो बेचेगी प्याज़

    नयी दिल्ली। प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 57 प्रतिशत बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम होने के बाद केंद्र ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर स्टॉक से प्याज की बिक्री बढ़ाने का शुक्रवार को फैसला किया।

    उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत शुक्रवार को बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 30 रुपये प्रति किलोग्राम थी।

    आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को प्याज की खुदरा कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 30 रुपये प्रति किलोग्राम थी।

    उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि हम अगस्त के मध्य से बफर स्टॉक से प्याज दे रहे हैं और कीमतों में और वृद्धि को रोकने तथा उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए हम खुदरा बिक्री बढ़ा रहे हैं।

    मंत्रालय के अनुसार, जिन राज्यों में कीमतों में तेज वृद्धि हो रही है वहां थोक और खुदरा दोनों बाजारों में बफर स्टॉक से प्याज दिया जा रहा है। अगस्त के मध्य से 22 राज्यों में विभिन्न स्थानों पर बफर स्टॉक से करीब 1.7 लाख टन प्याज दिया गया।

    खुदरा बाजारों में, बफर स्टॉक के प्याज को दो सहकारी निकायों भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) की दुकानों तथा वाहनों के जरिए 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है। दिल्ली में भी बफर स्टॉक का प्याज इसी रियायती दर पर बेचा जा रहा है।

    मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुआई में देरी के कारण कम फसल हुई और फसल की आवक में दरी हुई।

    अधिकारी ने बताया कि ताजा खरीफ प्याज की आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भंडारित रबी प्याज खत्म होने और खरीफ प्याज के आगमन में देरी के कारण आपूर्ति की स्थिति खराब है, जिसके परिणामस्वरूप थोक और खुदरा दोनों बाजारों में कीमतें बढ़ रही हैं।

    उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वर्ष 2023-24 में प्याज के लिए ह्यबफर स्टॉक को दोगुना किया है। इससे घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले दिनों में बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा।

    वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एनसीसीएफ और एनएएफईडी के जरिए पांच लाख टन का बफर स्टॉक बनाए रखा है और आने वाले दिनों में अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की योजना है।

    रांची में 60 रुपये किलो बिक रहा प्याज

    रांची के खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपये प्रति किलो बिक रही है। पंडरा के थोक मार्किट में प्याज 42 से 48 किलो बिक रही। व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्याज और महंगी हो सकती है। फिलहाल, राजधानी रांची में प्याज की सप्लाई नासिक और स्थानीय बाजारों से हो रही है।

    व्यापारियों का कहना है कि थोक में यह 45-50 रुपये प्रति किलो बिक रही है। इस कारण यहां के कारोबारी इसे आयात करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ के प्रेसिडेंट मदन कुमार का कहना है कि प्याज सस्ती होने में करीब एक से डेढ़ महीने का समय लगेगा। नई फसल आने के बाद कीमतों में नरमी की संभावना है। इस बार अतिवृष्टि के कारण फसल को नुकसान हुआ है। इसके साथ प्याज की खेती भी कम मात्रा में की गई है।

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