मोतिहारी। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को नहीं छूट रहा बीजेपी प्रेम। मोतिहारी में गुरुवार को उन्होंने कहा कि जब तक जिंदा है, तब तक भाजपा नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी। नीतीश ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने तो मेरी बात ही नहीं सुनी थी, लेकिन 2014 में जब नई सरकार बनी तो सरकार ने मेरी बात मान ली। बता दें कि सीएम मोतिहारी में महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में आये थे।
इस दीक्षांत समारोह में बिहार दौरे पर आई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल हुर्इं। कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर भी मौजूद थे। नीतीश कुमार ने कहा कि साल मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने 2007 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने का ऐलान किया था और साल 2009 में मनमोहन सिंह केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम को पास भी कर दिया. जिसमें बिहार एक हिस्से भी एक यूनिवर्सिटी खोलने का फैसला लिया गया।
नीतीश ने कहा कि मैंने उसी समय केंद्र सरकार से मांग की थी कि मोतिहारी में यूनिवर्सिटी खोला जाए क्योंकि यही वह जगह है जहां से महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत की थी। इसलिए मैंने बार-बार तत्कालीन केंद्र सरकार से यहां सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने की मांग की, लेकिन वह नहीं माने। उस समय की सरकार ने गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने का मन बनाया. वहीं, साल 2014 में जब केंद्र में नई सरकार आई तो उन्होंने बापू के नाम पर मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने की मांग को मान लिया और साल 2016 से काम भी शुरू हो गया।
इस कार्यक्रम में सांसद राधामोहन सिंह और अन्य बीजेपी नेता भी मौजूद थे, जिसकी ओर इशारा करते हुए नीतीश ने बोला कि जितने लोग हैं, सब साथी हैं। कौन कहां है, छोड़िये न भाई, छोड़ो न एकरा से का मतलब है. हमरा त दोस्ती कहियो खत्म होगा। जब तक हम जीवित रहेंगे, आप लोगों के साथ भी मेरा संबंध रहेगा, चिंता मत करिये।