तेल अवीव। हमास ने कतर की मध्यस्थता के बाद शुक्रवार रात दो अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया। ये दोनों मां-बेटी जूडिथ (59) और नताली (17) हैं। युद्ध शुरू होने के बाद यह पहला मौका है जब किसी बंधक को छोड़ा गया है। हालांकि 200 लोग अब भी हमास के कब्जे में बताए गए हैं। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
हमास ने जूडिथ और उसकी पुत्री नताली को रेडक्रॉस को सौंपा। इसके बाद रेडक्रॉस ने उन्हें इजराइल के हवाले कर दिया। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि 10 अमेरिकी अभी भी लापता हैं। उन्होंने कहा कि सभी बंधकों को तुरंत और बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए। इस बीच इजराइल ने गाजा शहर के अल-कुदस अस्पताल को खाली करने का आदेश दिया है। कहा जा रहा है कि अस्पताल और आसपास के क्षेत्र में हजार से ज्यादा लोग मौजूद हैं। अस्पताल प्रशासन ने इसे खाली करने से इनकार कर दिया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी संसद से 105 अरब डॉलर का आपातकालीन फंड रिलीज करने को कहा है। इनमें से 10.6 अरब डॉलर की मदद इजराइल को दी जाएगी। 61.4 अरब डॉलर यूक्रेन को हथियार और दूसरे जरूरी सामान खरीदने के लिए दिए जाएंगे। इसी के साथ यह युद्ध नया रूप लेता नजर आ रहा है। इजराइल पर हमास और हिजबुल्लाह के बाद यमन के हूती विद्रोही भी हमले करने लगे हैं। इजराइली सेना ने अब तक गाजा पट्टी में जमीनी कार्रवाई शुरू नहीं की है।
इजराइल के रक्षामंत्री योव गैलेंट ने रक्षा समिति की बैठक में कहा है कि उनकी प्राथमिकता सबसे पहले गाजा पट्टी में हमास की सैन्य क्षमता को ध्वस्त करना है। इसके बाद जमीनी आक्रमण शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह युद्ध का पहला चरण है। हवाई हमले से हमास के ठिकानों को मटियामेट किया जा रहा है। दूसरे चरण में हमास के सीक्रेट एजेंट्स का खात्मा किया जाएगा। तीसरे चरण में गाजा में नई सुरक्षा व्यवस्था बनवाई जाएगी। मगर इसमें इजराइल की भूमिका नहीं होगी।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गाजा और इजिप्ट की सीमा पर मौजूद राफा बॉर्डर क्रॉसिंग से शुक्रवार को भी राहत सामग्री से लदे ट्रक गाजा नहीं पहुंच सके। इस पर यूएन प्रमुख गुटेरेस ने नाराजगी जताई है। उधर, इजराइल ने अपने उत्तरी शहर किरायत शमोना को खाली करा लिया है। यह लेबनान बॉर्डर से काफी करीब है। लेबनान से इजराइल पर लगातार रॉकेट और मिसाइल हमले हो रहे हैं। लिहाजा, नागरिकों को महफूज रखना जरूरी था। युद्ध की विभीषिका के बीच बाइडन प्रशासन ने इजराइल के नागरिकों को नई सुविधा दी है। वह 90 दिन तक बिना वीजा के अमेरिका जा सकेंगे।