रांची। भाजपा ने झारखंड में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी। भाजपा की नजर उन नेताओं पर भी है, जो पहले कई कारणों से पार्टी छोड़कर दूसरी जगह चले गए और सियासी मैदान में अपनी हस्ती का सिक्का जमाए रखा। ऐसे कई नेताओं को फिर से पार्टी में लाले की तैयारी चल रही है।
पार्टी के अंदरखाने इस बात की जोरदार चर्चा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनकी पत्नी सांसद गीता कोड़ा के अलावा निर्दलीय विधायक सरयू राय, अमित यादव, पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह भाजपा में शामिल कराए जाएंगे।
आगामी चुनावों में कई सीटों पर मुकाबले के नए और दिलचस्प समीकरण विकसित हो सकते हैं। मधु कोड़ा और उनकी पत्नी गीता कोड़ा का कोल्हान इलाके में खासा सियासी प्रभाव है। मधु कोड़ा ने अपने सियासी करियर की शुरूआत बीजेपी के साथ ही की थी। वह 2000 में बीजेपी के टिकट पर जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।
झारखंड में बाबूलाल मरांडी की पहली सरकार में मंत्री भी बने थे, लेकिन 2005 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। कोड़ा बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े. उनकी जीत भी हुई और बाद में वह झारखंड के सीएम भी बने. भ्रष्टाचार के मामलों में नाम सामने आने पर उन्हें जेल जाना पड़ा. कुछ मामलों में सजा भी हुई और उसकी वजह से वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिए गए, लेकिन इसके बावजूद उनकी सक्रियता बरकरार रही।
अब बीजेपी इस दंपति के लिए पार्टी का दरवाजा खोलने की तैयारी में है। पार्टी सूत्रों की मानें तो चाईबासा सीट पर बीजेपी को जिताऊ कैंडिडेट की तलाश है और ऐसे में गीता कोड़ा को पार्टी में आने के लिए रजामंद किया जा सकता है. खुद गीता कोड़ा भी कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहीं। हालांकि, गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा फिलहाल भाजपा की ओर से कोई न्योता मिलने या जाने की संभावना से इनकार करते हैं, लेकिन इसके साथ ही वह कहते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है।
इसके अलावा जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 के चुनाव में तत्कालीन सीएम रघुवर दास को शिकस्त देने वाले निर्दलीय सरयू राय भी बीजेपी में वापसी की राह देख रहे हैं। बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2019 में भाजपा के बागी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने और जीतने वाले अमित यादव भी पार्टी में शामिल कराए जा सकते हैं. वहीं ईचागढ़ क्षेत्र से कई बार विधायक रहे अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के भी निकट भविष्य में बीजेपी के झंडे के नीचे आने की संभावना है।
रघुवर दास का राज्यपाल बनाना प्लानिंग का हिस्सा
दरअसल, जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को ओडिशा का राज्यपाल बनाया गया, उसके बाद झारखंड बीजेपी की राजनीति तेजी से बदली है। अब पिछले विधानसभा चुनाव में रघुवर दास को पटखनी देनेवाले सरयू राय की बीजेपी में वापसी का रास्ता साफ हो गया है। सरयू राय की गिनती झारखंड के दिग्गज नेताओं में होती है। ऐसे में भाजपा को उनकी वापसी पार्टी मजबूत हो जाएगी। सरयू राय ने भी इसके संकेत दिए हैं। जानकारी के अनुसार, ऐसे प्रमुख नेताओं की सूची भाजपा आलाकमान को भेजी गई है; जो पार्टी में वापस करना चाहते हैं। रिपोर्ट दी गई है कि इनके लौटने से भाजपा को फायदा होगा। शीर्ष नेतृत्व के निर्णय के बाद पार्टी अगला कदम उठाएगी।