इस्लामाबाद। आतंकी संगठन जैश को बड़ा झटका लगा। पाकिस्तान के सियालकोट की एक मस्जिद में बुधवार को अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने भारत के पठानकोट एयरबेस के गुनहगारों में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर शाहिद लतीफ और हाशिम को गोलियों से भून दिया। शाहिद लतीफ की मौत को जैश-ए-मोहम्मद के लिए बड़ा आघात माना जा रहा है।
शाहिद लतीफ को वर्ष 2010 में भारत सरकार ने सजा पूरी होने और पाकिस्तान के बेहतर संबंधों की बहाली के प्रयास के लिए वापस भेजा था। उसके साथ 25 अन्य आतंकवादियों को भी रिहा किया गया था। भारत में सजा सुनाने के बाद वह जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश की जेलों में लगभग 16 वर्ष तक बंद रहा है। यही नहीं, 1999 में जब आतंकियों ने आईसी-814 विमान को हाईजैक कर कंधार पहुंचाया था तो मौलाना मसूद अजहर के साथ उसकी रिहाई की मांग भी की गई थी।
आतंकवादी शाहिद लतीफ की हत्या कैसे हुई, फिलहाल इसकी ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। शाहिद लतीफ को भारत ने आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया था। इसके साथ ही वह गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा वांछित था। शाहिद लतीफ पाकिस्तान के गुजरांवाला के अमीनाबाद कस्बे के मोर गांव का रहने वाला था।