asd
Thursday, December 5, 2024
More
    No menu items!

    Latest Posts

    आजम खां, पत्नी और बेटे को सात साल की सजा, जानें क्या है मामला

    रामपुर (उप्र)। रामपुर की एक अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को वर्ष 2019 के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के एक मामले में दोषी ठहराते हुए बुधवार को सात साल की सजा सुनाई।

    मामले में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) अरुण प्रकाश सक्सेना ने कहा कि तीनों को पुलिस जीप में रामपुर जिला जेल ले जाने से पहले कुछ घंटे के लिए न्यायिक हिरासत में अदालत कक्ष के अंदर रखा गया।

    सजा सुनाए जाने के बाद बाहर निकले आजम खां से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आज फैसला हुआ है, फैसले में और इंसाफ में फर्क होता है। आजम के बड़े बेटे अदीब आजम जेल के बाहर अपने माता-पिता को गले लगाते दिखे।

    सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अदालत के इस निर्णय के बाद आरोप लगाते हुए कहा कि खां के धर्म की वजह से उनके साथ अन्याय हो रहा है।

    अभियोजन पक्ष के वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया, ह्एमपी-एमएलए अदालत के मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात साल की सजा सुनायी और उन पर 50 हजार रुपये का जुमार्ना भी लगाया। फैसले के बाद, तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया गया।

    सक्सेना ने बताया कि रामपुर से मौजूदा भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने तीन जनवरी 2019 को गंज पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि इसमें आरोप लगाया गया था कि खां और उनकी पत्नी तजीन ने अपने बेटे अब्दुल्ला आजम को दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने में मदद की थी। उन्होंने बताया कि इनमें से एक प्रमाणपत्र लखनऊ से जबकि दूसरा रामपुर से बनवाया गया था।

    सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में रामपुर की अदालत द्वारा सात साल की सजा सुनाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि खां के धर्म की वजह से उनके साथ अन्याय हो रहा है।

    सपा द्वारा सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किये गये एक वीडियो में यादव ने कन्नौज में संवाददाताओं से बातचीत में खां और उनके परिजन को सजा सुनाये जाने के सवाल पर कहा कि मुझे तो यह लगता है कि कहीं धर्म के कारण उनके (आजम) साथ इतना अन्याय न हो रहा हो। सबको यकीन है और सब जानते हैं कि उन पर इसीलिये अन्याय हो रहा है कि उनका धर्म दूसरा है।
    अभियोजन पक्ष के वकील सक्सेना ने बताया कि रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 बताई गई थी। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरे प्रमाण पत्र से पता चला कि उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था।

    वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार सीट से जीतने वाले अब्दुल्ला को वर्ष 2008 में एक लोक सेवक को गलत तरीके से रोकने के लिए उस पर हमला करने के आरोप में मुरादाबाद की एक अदालत ने पहले ही दोषी ठहराया था। इस साल फरवरी में दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के दो दिन बाद अब्दुल्ला को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

    उन्होंने बताया कि अब्दुल्ला ने अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिये उच्च न्यायालय में अपील की थी जिसे नामंजूर कर दिया गया था। अदालत के निर्णय के बाद आजम, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को अदालत से सीधे जेल ले जाया गया। रामपुर जेल के मुख्य द्वार के सामने उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पूरे शहर को मालूम था कि क्या फैसला होना है। आपके चैनल पर भी चल रहा था की कितनी सजा होनी है, शायद आपने फैसला पढ़ लिया होगा। हमें आज पता चला है।

    जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए) 1951 के प्रावधानों के तहत दो साल या उससे अधिक की कैद की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को सजा की तारीख से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और सजा काटने के बाद अगले छह साल तक उसके चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी। मामले के वादी रामपुर से मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने अदालत के निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि अन्याय के खिलाफ जंग आगे भी जारी रहेगी।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Latest Posts

    Don't Miss