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पटना। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में ही गांठ खुलती दिखने लगी है। समाजवादी पार्टी के बाद जनता दल यूनाइटेड ने भी मध्य प्रदेश में अब कांग्रेस को आंख दिखाते हुए पांच सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए। चर्चा तो यहां तक है कि कांग्रेस से जदयू ने मध्य प्रदेश में गठबंधन के तहत पांच सीटें मांगी थी, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसने पांच सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार इस संबंध में कहते हैं कि मध्य प्रदेश में पार्टी ने चुनाव लड़ने का जो फैसला लिया है, वह स्थानीय संगठन के विस्तार के लिए लिया गया है। यह अधिकार सभी राजनीतिक दल को प्राप्त है। इसका अगर कोई राजनीतिक निहितार्थ राष्ट्रीय स्तर पर या बिहार स्तर पर देख रहे हैं तो वे मुगालते में हैं।
उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन बना है, जिसकी पहल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की है। नीतीश कुमार पहले ऐसा नेता हैं, जिन्होंने साफ लहजे में कहा कि तीसरे, चौथे मोर्चे की बात बेकार की बात है। बिना कांग्रेस के विपक्षी दल के गठबंधन की बात की ही नहीं जा सकती।
मध्य प्रदेश चुनाव में जदयू के पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जदयू की राजनीतिक हैसियत बिहार में ही नहीं है तो मध्य प्रदेश में इन लोगों को कौन पूछ रहा है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा की पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर जदयू ने विपक्षी गठबंधन के बिखराव पर मुहर लगा दी। पहले केजरीवाल और अखिलेश यादव की पार्टियां अपने-अपने प्रभाव वाली सीटें कांग्रेस को देने से इनकार कर गठबंधन को झटका दे चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता का अगुआ बनने का दावा करने वाले नीतीश कुमार ने केजरीवाल और अखिलेश यादव को मनाने के बजाय खुद उनकी राह थाम ली। मध्य प्रदेश में जदयू की जमानत जब्त होगी।
उल्लेखनीय है कि जदयू ने पिछोर, राजनगर, विजय राघवगढ़, थांदला और पेटलावद विधानसभा से उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। कहा जा रहा है कि जदयू और सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है।