Tuesday, February 11, 2025
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    विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना देगी सदियों से हासिल हुनर को नई पहचान, धन्यवाद मोदी सरकार

    धर्मेंद्र कुमार
    मोदी सरकार को आभार. धन्यवाद. सदियों से हासिल हुनर को नई पहचान देने की पहल करने के लिए. एक फरवरी को संसद में पेश आम बजट 2023 के जरिए केंद्र सरकार ने यह बड़ी पहल की है.
    स्वर्णकार समाज समेत पूरे विश्वकर्मा कुल के सदस्यों की ओर से जोरदार स्वागत करते हुए इस योजना को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए सरकार व प्रशासन के स्तर से कंधा से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार हो जाना चाहिए.
    पूरे विश्वकर्मा कुल समेत स्वर्णकार समाज खासकर आभूषण कारीगर, उदारीकरण के इस दौर में. सरकार से जिस सहयोग व समर्थन की आस कर रहे थे. मांग कर रहे थे, उसे मोदी सरकार ने इस बजट के जरिए पूरा करने का प्रयास किया है. इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नीतियों व मजबूत इच्छाशक्ति को जाता है.
    बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसे ही अपने बजट भाषण में पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की घोषणा की, यह योजना काफी चर्चा में आ गई है. देश के तमाम कारीगरों खासकर विश्वकर्मा कुल से सदस्य नए सिरे से अपने विकास का मंच मिलने को लेकर उत्साहित हैं जो स्वाभाविक भी 8ै.
    इस स्कीम के तहत आभूषण कारीगरों समेत तमाम शिल्पकारों एवं अलग-अलग तरह की चीजें तैयार करने वाले लोगों को सरकार की ओर से मदद की जाएगी. इसके स्कीम के तहत उन्हें ट्रेनिंग, फंडिंग दी जाएगी और तकनीकी सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा. मोदी सरकार का मानना है कि इस योजना के तहत इन लोगों (आभूषण कारीगरों समेत तमाम शिल्पकारों ) को एमएसएमई सेक्टर का हिस्सा बनाया जाएगा.
    दरअसल हिंदुओं और मुस्लिमों दोनों में ही कई कामकाजी बिरादरियां हैं, जिन्हें इसके दायरे में आने का लाभ मिलेगा. लोहार, बढ़ई, कुम्हार, दर्जी जैसी कई ऐसी बिरादरियां हैं, जिन्हें विश्वकर्मा जातियों में गिना जाता है. सरकार को लगता है कि इस स्कीम से इन वर्गों को साधा जा सकेगा।
    सरकारी डेटा के मुताबिक विश्वकर्मा समाज के तहत देश की कुल 140 जातियां आती हैं. इनमें विश्वकर्मा, स्र्वकार (सोनार), साहू, सोनी आदि जातियां शामिल हैं. इसके अलावा अलग-अलग उपनामों की कई अन्य बिरादरियां भी इसका हिस्सा है

    जानिए वित्त मंत्री ने क्या कहा संसद में
    लोकसभा में 2023 का आम बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में हजारों साल से अपने हाथ के कौशल के सहारे उत्पादन के काम में लगे कारीगरों के हालात बदलने का बीड़ा पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने उठाया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुकूल सरकारी नीतियों के सहारे ये कुशल कारीगर अपने उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सदियों से हाथ से काम करने वाले कारीगरों की मदद के लिए पहली बार पीएम विश्वकर्मा कौशल विकास योजना के तहत पैकेज की घोषणा की गई है.सीतारमण ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान के तहत परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सहायता पैकेज घोषित किया गया है. जो उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ जोड़ते हुए अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने में सक्षम बनाएगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2023 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि पीएम विश्वकर्मा कौशल विकास योजना में केवल धन नहीं बल्कि नई तकनीकों को भी हस्तशिल्पियों को उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि हाथ से उत्पाद तैयार करने वाले कारीगरों को बैंक प्रमोशन के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बैंकों से भी जोड़ा जाएगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे देश भर में परंपरागत शिल्प के काम में लगे कमजोर समूहों को फायदा होगा.

    करोड़ों विश्वकर्मा इस देश के निर्माता : मोदी


    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट 2023 को लेकर अपने संबोधन में कहा कि करोड़ों विश्वकर्मा इस देश के निर्माता हैं. मूर्तिकार, शिल्पकार यह सभी देश के लिए मेहनत करते हैं. देश इस बजट में पहली बार अनेक प्रोत्साहन योजना लेकर आया है. ऐसे लोगों के लिए टेक्नोलॉजी, क्रेडिट और मार्केट की योजना की गई है. पीएम विश्वकर्मा योजना इन विश्वकर्माओं के विकास लिए बड़ा बदलाव लाएगा.

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