रांची से गोपाल सोनी
हमें वाजिह हक चाहिए, कृपा की भीख नहीं. देश बनाने में हम बहाते पसीना, सत्ता से दूर रखना हमेंं मंजूर नहीं. दिखाएंगे अपनी ताकत, सम्मान के साथ पाएंगे सियासत में अपना स्थान. रांची में दिखाएंगे ताकत, मिशन 2024 का करेंगे आगाज.
जी, हां यही सार है रांची में आयोजित उस बैठक का जिसमें सियासत में स्वर्णकार समाज की भागीदारी समेत अन्य मुद्दों पर महामंथन किया गया.
ुपलामू इलाके से संबंध रखनेवाले स्वर्णकार समाज के प्रमुख नेता दुर्गा जौहरी की पहल और झारखंड राज्य स्वर्णकार संघ के बैनर तले राजधानी रांची के विधानसभा सभागार में हुए इस विचार मंथन में मुख्य अतिथि थे अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष बहादुर सिंह वर्मा. विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ के कोषाध्यक्ष सतपाल वर्मा ने उपस्थिति दर्ज कराई. इसके इलावा पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार, पूर्व विधायक जयप्रकाश गुप्ता, बी अगस्त क्रांति, झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार, स्वर्णकार समाज के ऑनलाइन मीडिया सोनार संसार डॉट इन के प्रबंध संपादक धर्मेंद्र कुमार के अलावा टुनटुन सोनी, बब्वू सोनी. दिलीप सोनी, बिजेंद्र कुमार, हेमंत सोनी. पायल सोनी,अंजु सोनी, नम्रता सोनी, अरविंद, बीके प्रसाद, महेश सोनी व नकुल समेत अन्य ने इस बात पर जोर दिया कि स्वर्णकार समाज की एकजुटता समय की मांग है और राजनीति में अपना वाजिब हक पाने से लिए सियासी दलों को अपनी ताकत दिखाकर जमीनी सच्चाई का अहसास कराना जरूरी है.
करीब छह घंटे तक चले इस महामंथन का निष्कर्ष यही निकला कि स्वर्णकार समाज अब चुनावी राजनीति में भी अपना दमखम दिखाएगा. राजनीतिक दलों पर अपने लोगों को टिकट देने के लिए दबाव बनाएगा और आगामी अप्रैल महीने में झारखंड की राजधानी में महाजुटान कर अपनी ताकत से सियासी दलों को संदेश देगा.
इस महामंथन की खास बात यह रही कि पलामू में जिस तरह से दुर्गा जौहरी समाज की आवाज जन-जन तक पहुंचाने में लगे हैं तो अब रांची में भी स्वर्णकार समाज को एक मबबूत नेता मिल गया है. इस उभरते हुए नेता का नाम है अजीत कुमार जिन्हें पूरे देश मेंं सबसे कम उम्र का महाधिवक्ता (झारखंड) रहने का गौरव हासिल है. अजीत कुमार झारखंड स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन भी रह चुके हैं जो राज्य के 36 हजार अधिवक्ताओं की लाइसेंसिंग बॉडी है. अजीत कुमार ने कुछ माह पहले ही राजनीति में अपनी पारी की शुरुआत की है.
अच्छी बात यह कि इस सम्मेलन के जरिए स्वर्णकार समाज ने साफ संकेत दे दिया कि सत्ता व सियासत में अपना हक पाने के लिए वह जाग चुका है और 2024 के चुनावी माहौल में वह भी दमखम दिखाने को कमर कस रहा है.
रांची के इस मंथन में उन तौर तरीकों पर भी गंभीर विचार मंथन किया गया कि स्वर्णकार समाज की सभी क्षेत्रों में तरक्की कैसे हो? कुरीतियों को खत्म कर शिक्षा का प्रचार-प्रसार कैसे हो? युवाओं को कैसे दक्ष बनाया जाए? परंपरागत पुस्तैनी कारीगरी को जिंदा रखते भारी आर्थिक चुनौतियों का सामना करनेवाले आभूषण कारीगरों को मदद कैसे की जाए? सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ कैसे प्राप्त किया जा सकता है? आभूषण निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार से कैसे संपर्क किया जाना चाहिए?
रांची के इस सम्मेलन ने भारी ठंड के इस मौसम में स्वर्णकार समाज के बीच सियासी हक पाने व एकजुटता दिखाने की गर्मी उत्पन्न कर दी है. आने वाले महीनों में स्वर्णकार समाज और मजबूती से एकजुट होकर अपना हक पाने की आवाज बुलंद करेगा. यह सा्रफ नजर आ रहा है