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Friday, December 6, 2024
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    झारखंड में जान हथेली पर रख कारोबार करने को कब तब मजबूर रहेंगे आभूषण कारोबारी?


    कपिलदेव ठाकुर

    रांची : झारखंड की राजधानी रांची से दिल दहला देने वाली इस खबर को जो पढ़ेगा  या सुनेगा, वह अंदर से जरूर हिल जाएगा. उन दो मासूम बच्चों को अपने आभूषण कारोबार से जुडे पिता राजेश पाल के घर आने का इंतजार था़. पत्नी समेत पूरा परिवार उनके आने की प्रतीक्षा कर रहा था. घर पहुंचना था राजेश को और उनकी जगह पहुंची पहले घायल होने की सूचना और फिर इस दुनिया में नहीं रहने की खबर.रांची समेत झारखंड के हर इलाके में इन दिनों आभूषण कारोबार से जुड़े लोग अपनी सुरक्षा को लेकर भारी दहशत में है़ं. किसी को पता नहीं अपराधी कब उन्हें अपना शिकार बना लें,       मंगलवार 7 जून को जेवर कारोबारी राजेश पॉल के साथ ऐसा ही हुआ़ वे रांची के ओसीसी कंपाउंड में स्थित अपनी दुकान  अरविंदो ज्वेलर्स में बैठे थे़, तभी पांच हथियारबंद अपराधी पहुंचे़.  लूटपाट का विरोध करने पर राजेश की गोली मारकर हत्या कर दी. अपराधी आराम से भागने में सफल रहे़. इस घटना से हर किसी का आक्रोशित होना स्वावभाविक है़.  आभूषण कारोबारी रांची में अपनी दुकानें बंद कर बुधवार 8 जून को धरना पर बैठे हुए हैं, अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ अपने जान-माल की सुरक्षा की मांग कर रहे है़ं.उधर, पुलिस भी अपना काम कर रही है़. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने एसआईटी का गठन करते हुए टीम को अविलंब अपराधियों को दबोचने का निर्देश दिया है़.बेशक,  पुलिस अपना काम कर रही है़. संभव है अपराधी जल्द ही दबोच भी लिए जाए़ं लेकिन बात इतनी भर नहीं है़. सवाल आभूषण कारोबारियों के जानमाल की सुरक्षा का है. आए दिन झारखंड समेत दूसरे राज्यों में भी आभूषण कारोबारियों पर निशाना साधा जाता है़.  कहीं लूट की घटना को अंजाम दिया जाता है तो कहीं सीधे गोली का ही शिकार बना दिया जाता है़. आखिर यह स्थिति कब तक रहेगी?अब तो आभूषण कारोबार से जुडे. लोग और उनका संगठन चेत जाएं और सरकार पर निर्णायक दबाव बनाने की पहल करे़ क्योंकि भय के माहौल में कोई भी आदमी कब तक अपनी जिंदगी काटता रहेगा़ ? ऐसी प्रतिकूल परिस्थिति में आभूषण कारोबार करना मुशिकल हो जाएगा़. विचारणीय पहलू यह है कि जब जान बची रहेगी तब न कोई नौकरी या कारोबार कर सकेगा़. इसलिए अब समय आ गया है कि आभूषण कारोबार से जुडे. तमाम लोग और संगठन एकजुटता की भावना को आत्मसात कर निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार हो जाएं. शासन- प्रशासन से दो टूक शब्दों में बात हो और जानमाल की सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था करने की मांग की जाए़. प्रशासन के बड़े अधिकारियों के अलावा मुख्यमंत्री से भी मिलकर सुरक्षा की गुहार लगाने में अब तनिक भी देर बहुत भारी पड़ेगी. आभूषण कारोबारियों को अब राज्य स्तर पर एक समन्वय समिति बनाकर झारखंड के तमाम जिलों से उसे जोड़ा जाना चाहिए़.  यह समिति हर जिले से जानमाल की सुरक्षा पर आभूषण कारोबारियों के विचारों और सुझावों को सूचीबद्ध कर मंथन करे और उसमें जो निष्कर्ष निकले उससे सरकार को अवगत कराकर आवश्यक कदम उठाने की मांग करे़ं  मजबूती के साथ मांग रखने पर ही सरकार के स्तर से कुछ ठोस कार्रवाई की आस की जा सकती है़. हमें याद रखना होगा कि कारोबार और समाज से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों की सक्रियता से ही आभूषण कारोबार और कारोबारियों की जानमाल की सुरक्षा की दिशा और दशा तय होगी़.

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