asd
Thursday, December 5, 2024
More
    No menu items!

    Latest Posts

    रांची के कंगन ज्वेलर्स लूट कांड में चार दबोचे गए, जमशेदपुर में 32 लाख की लूट में पुलिस तीन महीने बाद भी खाली हाथ


    धर्मेंद्र कुमार
    रांची : चोरी-लूट की घटनाओं के सांसत में जीते हुए कारोबार करने को मजबूर राज्य के आभूषण कारोबारियों को रांची पुलिस ने अपनी त्वरित कार्रवाई से कुछ भरोसा करने का आधार दिया है, लेकिन जमशेदरपुर में पुलिस खाली हाथ है जिससे वहां से ज्वेलर्स का भय दूर नहीं हुआ है.
    रांची के वर्दवान कंपाउंड राजस्थान गली स्थित कंगन ज्वेलर्स में 30 लाख के जेवरात की लूट इसी पांच मई को हुई थी. जबकि फरवरी महीने में जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित बैंक में पैसा जमा करने गए छगनलाल दयालजी संस ज्वेलर्स ेके दो कर्मचारियों से 32 लाख रुपये लूट लिए गए थे. फरवरी महीने में ही जमशेदपुर के साकची से एक आभूषण कारोबारी के स्टाफ से 10 लाख रुपये के सोने की लूट हुई थी. इन दोनों घटनाओं में आज तक पुलिस को कोई सुराह हाथ नहीं लगा है जबकि पुुलिस ने कई टीमों को शहर के बाहर भी भेजा था.
    दूसरी ओर रांची पुलिस ने कंगन ज्वेलर्स लूट कांड में चार अपराधियों को दबोच लिया है. पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि पकड़े गए अपराधी पेशेवर हैं और बीते 15 सालों से लूटपाट, डकैती जैसे आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इनका इंटरस्टेट लिंक है. रांची समेत झारखंड के कई जिलों के अलावा बिहार में भी गिरोह के सदस्यों ने दर्जनों वारदातों को अंजाम दिया है.
    कंगन ज्वेलर्स में 15 दिन से गिरोह के सदस्य लगातार रेकी कर रहे थे। इसके बाद लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के अनुसार इस गिरोह का सरगना पलामू के डालटनगंज निवासी सौरभ कुमार है. वही लूटपाट की पूरी प्लानिंग करता है.
    बताते चलें कि बीते पांच मई को कंगन ज्वेलर्स में खरीदार बन आए अपराधियों ने पिस्टल सटाकर संचालक सहित पूरे परिवार वालों को बंधक बना लिया था और लूटपाट कर फरार हो गए थे. सीसीटवी कैमरे तोड़कर डीवीआर भी साथ ले गए थे.
    इस मामले में रांची पुलिस ने जिस तत्परता से काम किया, उससे आभूषण कारोबारियों का पुलिस पर विश्वास बढऩा स्वाभाविक है. लेकिन अब ज्वेलर्स की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होने चाहिए.
    इस क्रम में आभूषण कारोबारियों के संगठनों के साथ पुलिस प्रशासन से संवाद स्थापित कर एक मुकम्मल रणनीति बनाई जानी चाहिए. रांची से इसकी शुरुआत कर तमाम जिला मुख्यालयों पर इसे पहले चरण में लागू किया जाना चाहिए, इसके बाद दूसरे शहरों या कस्बों पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

    दूसरी ओर रांची पुलिस से समन्वय बनाकर जमशेदपुर पुलिस को भी देखना चाहिए कि 32 लाख लूट कांड समेत अन्य मामलों का उद्भेदन कर कैसे आभूषण कारोबारियों में विश्वास की बहाली की जा सकती है. उनके भीतर बैठ गए डर को समाप्त किया जा सकता है.

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Latest Posts

    Don't Miss