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Friday, December 6, 2024
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    हर अभिनव प्रयोग कुछ देता है, रांची की जेम्स व ज्वेलरी प्रदर्शनी भी खोलेगी नई राह

    कपिल देव ठाकुर

    रांची: सुनते आए हैं कि हर अभिनव प्रयोग कुछ न कुछ अच्छा देता ही है, अपना निजी अनुभव भी इस मान्यता पर मुहर लगाता है. रांची में चल रही जेम्स व ज्वेलरी प्रदर्शनी को देखकर लगा रहा कि इसके जरिए झारखंड के आभूषण कारोबार के लिए नई राह खुलेगी.
    प्रदर्शनी 17 से 19 अप्रैल तक लगी है. रविवार 17 अप्रैल को हम भी इसका दीदार करने पहुंचे. एक-एक स्टाल पर गए, बारीकी से मुआयना किया. साफ प्रतीत हुआ कि प्रदर्शनी में आनेवाली कंपनियों ने अपने उत्पादों को झारखंड के लिए खास तौर से तैयार किया है. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां हर वर्ग के आदमी के लिए आभूषण दिखे. कम से कम बजट से लेकर बजट की किसी सीमा के नहीं रहने तक.
    रांची में प्रदर्शनी रविवार को शुरू हुई. रांची में रविवार का मिजाज अमूमन छुट्टी का होता है. लोग छुट्टी का आनंद लेने के मूड में रहते हैं. यही कारण रहा कि प्रदर्शनी के पहले दिन लोगों की संख्या वैसी नहीं दिखी जैसी आयोजकों ने उम्मीद की थी. इसका एक कारण भीषण गर्मी का प्रकोप भी रहा होगा.
    प्रदर्शनी में प्रवेश से लेकर उसका भ्रमण करने तक आयोजकों ने अपने स्तर से अच्छा इंतजाम कर रखा था. वैसे प्रदर्शनी में पहुंचे लोग इस बात की भी चर्चा करते मिले कि यदि मेन रोड या किसी अन्य प्रमुख स्थान पर इसका आयोजन किया गया होता तो पहले ही दिन से भीड़ उम्मीद के अनुरूप दिखाई देती.
    इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी भी आयोजन को संपन्न कराने में कई फैक्टर काम करते हैं. यह आयोजकों का विषय होता है कि वह किस स्थान का चयन करें. इसलिए हमें इस विषय पर ज्यादा बहसबाजी नहीं करके प्रदर्शनी के उद्देश्य पर गौर करना चाहिए.
    बताया गया कि झारखंड में पहली बार इस तरह की प्रदर्शनी लगाई गई है. लेकिन स्टालों को भ्रमण के क्रम में झारखंड की उपस्थिति दमदार नजर नहीं आई. दूसरे राज्यों से आए कारोबारियों के स्टॉल ज्यादा दिखे, इसलिए आगे से प्रयास ऐसा होना चाहिए कि झारखंड के भी स्टॉल अधिक संख्या में दिखें. ऐसा होने से दूसरे राज्यों के कारोबारियों के साथ झारखंड के आभूषण व्यापारियों के संबंधों को नया आयाम ंिमलेगा.
    प्रदर्शनी के प्रवेश द्वार पर पंजीयन काउंटर बखूबी काम करता नजर आया. सुरक्षा व्यवस्था भी मुकम्मल दिखी. आम लोगों में स्वास्थ्य जागरुकता बढ़़ाने के लिए व्यायाम से जुड़ी मशीनों का प्रदर्शन भी ध्यान खींचने वाला था.
    प्रदर्शनी में हेल्प डेस्क का एक काउंटर नजर आता तो यह सोने पर सुहागा जैसा होता. तब सिंगल विंडो सिस्टम की तरह वहां आभूषण कारोबार से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए जाते, मशीनों से लेकर बाजार तक के बारे में जानकारी मिलती. इस कारोबार में नए स्टार्टअप के लिए रास्ते बताए जाते. नई तकनीक से अवगत कराया जाता. कारोबार से जुड़े नए नियमों या व्यवस्थाओं के बारे में आनेवालों को अपडेट किया जाता. आभूषण कारीगरों की बेहतरी के लिए होने वाली पहल के बारे में जानकारी दी जाती.
    इस तरह की व्यवस्था से प्रदर्शनी के उद्देश्य का फलक बड़ा हो जाता. उम्मीद की जानी चाहिए कि आगे झारखंड में कहीं भी इस तरह की प्रदर्शनी लगेगी तो ऊपर लिखे सुझावों पर अमल किया जाएगा.
    (लेखक सोनार संसार डॉट इन के कार्यकारी संपादक हैं)

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