अपने स्वर्णकार समाज सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं। सोनार संसार डॉट इन वेब पोर्टल के साथ आपके बीच आया हूं। सेवा की एक नई धारा बहाने के मकसद के साथ। अभी तक अलग-अलग अवसरों और भिन्न-भिन्न तरह के मंचों के माध्यम से आपके साथ जुड़ा रहा हूं। इस जुड़ाव को और मजबूत करने के उद्देश्य से ही मीडिया की योजना मूर्त रूप ले सकी.। सूचना क्रांति के इस दौर में अपने समाज को नवीनता के साथ-साथ ऐतिहासिकता से जोड़े रखना ही इसका असली उद्देश्य है। हम चाहते हैं कि स्वर्णकार समाज के बीच आपसी संवाद का एक बेहतरीन माध्यम बनकर उभरे हमारे सेवा की यह नई धारा।
मुझे 1984 का वह पल हमेशा याद रहेगा जब मेरे भीतर अपने स्वर्णकार समाज की बेहतरी के लिए कुछ सोचने-समझने और करने का विचार आया। उस वक्त बिल्कुल छोटे स्तर पर मैंने अपने समाज के लिए कुछ करने का व्रत लिया और काम का श्रीगणेश भी किया।
तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद समाज को एकजुट करने, अपने लोगों के बीच समृद्धि के नये द्वार खोलने, कुरीतियों को दूर करने और सर्वांगीण विकास के लिए सामूहिक रूप से नये-नये अवसर खोजने का काम भी चलता रहा।
सेवा के क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने के क्रम में हमने स्वर्णकार समाज के हर सुख-दुख से खुद को जोड़े रखने का संकल्प ले रखा है। बात चाहे पारिवारिक स्तर की हो या कारोबारी क्षेत्र की। सामाजिक पहल की हो या शासन-प्रशासन-सरकार के साथ समन्वय की। हर मौके पर सक्रिय रहा। अपनी क्षमता का भरपूर उपयोग किया समाज के लिए। आपके सक्रिय और सकारात्मक सहयोग के बूते हम अपनी राह पर आगे बढ़ते चले आए हैं। सामाजिक स्तर पर भी और कारोबारी मोर्चे पर भी। 1984 से शुरू हुई इस यात्रा के दौरान कई चुनौतियां आई, कई परेशानियों में पड़े, कई प्रतिरोध आए लेकिन हमने सबको पीछे छोड़ा। ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि आप सबका साथ हमें मिला।
इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। आपका सक्रिय सहयोग और समर्थन हमारे लिए प्रेरणा का श्रोत रहेंगे और इसे हमारी भावी दिशा और दशा भी निर्धारित होगी। निवेदन है कि आप हमारी सेवा यात्रा पर गौर करें। यदि कहीं भी लगे तो सलाह देने से जरा भी नहीं झिझकें। आपकी सलाह हमारे लिए निर्देश का काम करेगी, मार्गदर्शन का काम करेगी और इससे स्वर्णकार समाज को मिलेगा नया संबल। आपकी राय ही हमारी असली पूंजी होगी। हमारी असली ताकत होगी और मंजिल तक पहुंचाने में असली शक्ति का काम भी आपकी राय ही करेगी।
आपकी राय के इंतजार में
आपका ही…
धर्मेंद्र कुमार