लंबे समय से स्वर्णकार समाज में यह महसूस किया जाता रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था में पकड़ और समाज में अच्छी खासी जनसंख्या रखने के बावजूद इस समाज को सियासत और सत्ता में वह स्थान नहीं मिल सका है जो मिलना चाहिए और जिसका यह समाज हकदार भी है।
अलग-अलग राज्यों में स्वर्णकार समाज के विभिन्न संगठन और लोग अपने स्तर से वाजिब राजनैतिक भागीदारी हासिल करने के लिए शिद्दत से जुटे हुए भी हैं।
ऐसे ही लोगों में एक हैं झारखंड की राजधानी रांची निवासी गोपाल प्रसाद सोनी। राष्ट्रवादी विचारों को अपने संस्कारों में समाहित रखने वाले और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्कारी पाठशाला से निकले गोपाल प्रसाद सोनी स्वर्णकार समाज को राजनैतिक रूप से मजबूती प्रदान करने के मिशन में जुटे हुए हैं।
रांची के हरमू बाजार निवासी हरि प्रसाद साहु के पुत्र के रूप में अगस्त 1969 में जन्म लेने वाले गोपाल को बचपन से ही राष्ट्रवाद के संस्कार मिलने लगे थे। बचपन में माता-पिता ने समाज के लिए कुछ करने का जो मंत्र दिया था, उसे स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई के दौरान नया आयाम मिला। गोपाल में बचपन से ही सामाजिक और धार्मिक कार्यों में शिरकत करने की प्रवृत्ति थी।
उम्र बढऩे के साथ राजनैतिक गतिविधियों से भी जुड़ाव होने लगा। इसी क्रम में 1980 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और संघ के राष्ट्रवादी विचारों के साये में अपने सार्वजनिक जीवन में एक नया अध्याय जोड़ा। संघ के स्वयंसेवक के रूप में विभिन्न दायित्वों को निर्वहन करते हुए गोपाल ने जनसेवा में सक्रिय भागीदारी निभाई।
इसी क्रम में उनका जुड़ाव भारतीय जनता पार्टी से भी बढ़ता चला गया और वे इस राजनीतिक दल के जरिए स्वर्णकार समाज की राजनीतिक हैसियत बढ़ाने की दिशा में भी आगे बढ़े। भारतीय जनता पार्टी की रांची महानगर इकाई के ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में गोपाल ने भारतीय स्वर्णकार समाज को राजनीतिक ताकत दी।
अपने समाज के इस संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने समाज के लोगों के बीच राजनीतिक रूप से भी सक्रिय होकर अपना हक प्राप्त करने की चेतना जगाई।
भाजपा में अटल बिहारी वाजपेई से लेकर लालकृष्ण आडवाणी तक के आशीर्वाद से गोपाल ने 1980 के दशक में अपने जिस राजनीतिक सफर की शुरूआत की वह दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राष्ट्रवादी विचारों से लैस समाजसेवा को गोपाल तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। गोपाल के सार्वजनिक जीवन का फलक बहुत व्यापक है। भाजपा में इनकी खास पहचान बन चुकी है।
संघ में प्रतिबद्ध स्वयंसेवक के रूप में इनके कार्यों पर सबकी नजर रहती है। इसके अलावा रांची में विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संगठनों में भी बड़ी जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। महाबीर मंडल श्रृंगार समिति, पंच मंदिर हरमू के संयोजक के रूप में ये धर्म को जीवन का आधार बताते हुए लोगों को जोड़ऩे का काम कर रहे हैं। साथ ही साथ श्री महाबीर मंडल रांची की कार्यकारिणी के सक्रिय सदस्य हैं।परिवार के संचालन के लिए ही ये रोजगार से जुड़े हुए हैं।
व्यवसाय करते हुए लगातार समाज के बीच अपनी उपयोगिता साबित करने का हर संभव प्रयास करने वाले गोपाल प्रसाद सोनी परमपूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी महाराज का सान्निध्य प्राप्त कर चुके हैं। पंडित विजय शंकर मेहता, असंग देव जी महाराज और देवकीनंदन ठाकुर जी जैसे संतों का भी सान्निध्य इन्हें मिलता रहा है। गोपाल प्रसाद सोनी सिर्फ सामाजिक-धार्मिक और राजनीतिक रूप से ही सक्रिय नहीं है बल्कि पर्यावरण के क्षेत्र में भी विशेष कार्य कर रहे हैं। इसके लिए 2015 में झारखंड की तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने इन्हें सम्मानित किया था।
इसके अलावा भी ये विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं।इन तमाम तरह के प्रकल्पों में अपनी सेवा देने वाले गोपाल प्रसाद सोनी के दिल में हमेशा एक ही चाहत रहती है कि सर्व समाज के साथ स्वर्णकार समाज का भी विकास हो। अपने समाज में शिक्षा की अलख जगाने पर इनका खास जोर रहता है। कुरीतियों से मुक्ति पाने की बात ये हर जगह करते हैं। स्वर्णकार समाज के हितों के लिए हमेशा तत्पर व सक्रिय रहते हैं। स्वर्णकार समाज के लोगों को कारोबार के क्षेत्र में किसी भी तरह की चुनौती सामने आने पर ये उसके निराकरण का भी पूरा प्रयास करते हैं। सोना-चांदी व्यवसायी समिति की रांची जिला इकाई के महामंत्री के रूप में गोपाल प्रसाद सोनी की सक्रियता हर किसी के जेहन में है। हरमू व्यवसाय समिति के महामंत्री के रूप में ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ , सबका विकास और सबका विश्वास के सूत्र वाक्य पर अमल करने में कोई कोर कसर छोडऩा नहीं चाहते। गोपाल प्रसाद सोनी जितनी बखूबी से अपने सामाजिक-राजनीतिक और धार्मिक जीवन में सक्रियता बनाये हुए हैं उसी करीने के साथ पारिवारिक जीवन से सामंजस्य बैठाकर चलते हुए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। पारिवारिक जीवन में भी ईश्वर ने इन्हें भरपूर खुशहाली प्रदान की है। स्वर्णकार समाज को गोपाल प्रसाद सोनी जैसे अपने सदस्य पर भला नाज क्यों न हो। इनका व्यक्तित्व ही जो ऐसा है